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लक्ष्य प्रमाणीकरण: राज्यस्तरीय टीम ने बैसा सीएचसी का किया भौतिक सत्यापन - श्रीनारद मीडिया

लक्ष्य प्रमाणीकरण: राज्यस्तरीय टीम ने बैसा सीएचसी का किया भौतिक सत्यापन

लक्ष्य प्रमाणीकरण: राज्यस्तरीय टीम ने बैसा सीएचसी का किया भौतिक सत्यापन

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लक्ष्य प्रमाणीकरण से प्रसव से जुड़ी हुई सेवाओं को मिलता है प्रोत्साहन: एसआरयू टीम
भौतिक निरीक्षण में कई तरह के मानकों की हुई जांच: आरपीएम
प्रसव कक्ष में कार्यरत जीएनएम को बेहतर कार्य को लेकर टीम द्वारा सराहा गया: डीपीएम

श्रीनारद मीडिया पूर्णिया, (बिहार):

 


जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर सुदूर ग्रामीण क्षेत्र बैसा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को जल्द ही लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित प्रमाण पत्र मिल सकता हैं। क्योंकि लक्ष्य की ओर से दो सदस्यीय राज्यस्तरीय टीम के द्वारा भौतिक सत्यापन कर लिया गया है। हालांकि इसके लिए ज़िला स्तर से लेकर स्थानीय अस्पताल प्रशासन के अलावा केयर इंडिया एवं यूनीसेफ के अधिकारियों द्वारा लगातार दौरा कर हर तरह से प्रयासरत किया गया था ताकि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को प्रसव से जुड़ी हुई हर तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। सीमित संसाधनों के बीच अस्पताल प्रशासन द्वारा कोरोना संक्रमण काल का समय हो या फ़िर नियमित रूप से ग्रामीण इलाकों की महिलाओं का प्रसव सहित कई अन्य सेवाओं को सुदृढ़ तरीक़े से किया जा रहा है। जिसको लेकर ज़िला स्तरीय टीम के बाद क्षेत्रीय कोचिंग टीम का निरीक्षण करने के बाद सोमवार को राज्य मुख्यालय से आयी दो सदस्यीय टीम द्वारा इसका सतत मूल्याकंन किया गया। पटना से आई टीम में स्टेट रिसोर्स यूनिट की ओर से डॉ संजीव दौलत राव एवं पिरामल फाउंडेशन की ओर से डॉ सुमित पाण्डेय के अलावा स्थानीय स्तर से क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा, ज़िला कार्यक्रम प्रबंधक ब्रजेश कुमार सिंह, यूनीसेफ के प्रमंडलीय सलाहकार शिव शेखर आनंद, केयर इंडिया के डीटीएल आलोक पटनायक शामिल थे।

लक्ष्य प्रमाणीकरण से प्रसव से जुड़ी हुई सेवाओं को मिलता है प्रोत्साहन: एसआरयू टीम
टीम के सदस्यों ने संयुक्त रूप से बताया प्रसव से संबंधित सेवाओं को पहले से बेहतर बनाना, स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना, मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, प्रसव के दौरान एवं इसके तत्काल बाद जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण का विशेष महत्व होता है। इसके माध्यम से प्रसव कक्ष, मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिए बनाए गए विशेष देखभाल इकाई (एसएनसीयू) की गुणवत्ता में सुधार लाना है। लक्ष्य कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा प्रसव कक्ष व मैटरनिटी ओटी के लिए प्रमाणीकरण की व्यवस्था की गयी है। जो मानक स्तर पर प्रसव से संबंधित हर तरह की सुख सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होने के बाद ही दी जाती है।

भौतिक निरीक्षण में कई तरह के मानकों की हुई जांच: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया लक्ष्य कार्यक्रम को धरातल पर उतारने को लेकर कई तरह के प्रयास किये जाते हैं। जिसमें मुख्य रूप से जिले में संस्थागत प्रसव के मामलों में अपेक्षाकृत वृद्धि हुई है। लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिए कई तरह के मानकों का भौतिक सत्यापन करने का प्रावधान है। जिसमें मुख्यत: सर्विस प्रोविजन, रोगी का अधिकार, सपोर्ट सर्विसेज, क्लिनिकल सर्विसेज, इंफेक्शन कंट्रोल, क्वालिटी मैनेजमेंट व परिणाम शामिल हैं। सीएचसी के प्रसव कक्ष व ओटी में तमाम तरह की आवश्यक संसाधनों व दवाओं की उपलब्धता के लिए लगातार प्रयास किया जाता है। राज्य मुख्यालय की ओर से आई टीम द्वारा भौतिक सत्यापन से पहले रीज़नल कोचिंग टीम एवं जिला स्तरीय टीम द्वारा कई बार अस्पताल का निरीक्षण किया गया था। जिस दौरान स्थानीय स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम या प्रशिक्षित जीएनएम को कई तरह के प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया था। इसके साथ ही कर्मियों को प्रसव कक्ष से जुड़ी पंजियों के संधारण व इसे अद्यतन बनाये रखने के लिए खास तौर पर प्रशिक्षित किया गया है।

प्रसव कक्ष में कार्यरत जीएनएम को बेहतर कार्य को लेकर टीम द्वारा सराहा गया: डीपीएम
इस संबंध में ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया लक्ष्य प्रमाणीकरण को लेकर मुख्यालय से आई टीम के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र स्थित बैसा सीएचसी के लेबररूम से संबंधित फाइलों की अद्यतन जानकारी ली गई। इसके लिए प्रसव गृह में पदस्थापित जीएनएम को बेहतर कार्य को लेकर सराहा गया। लेकिन कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए है। इसके लिए अलग से कुछ जिम्मेदारियां भी दी गई है। लक्ष्य टीम के द्वारा चिकित्सा पदाधिकारियों एवं प्रशिक्षित जीएनएम से अलग-अलग हर तरह के बिंदुओं पर विस्तृत रूप से जानकारी ली गई हैं। इनलोगों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा गया कि प्रसूति विभाग में प्रसव के दौरान जरूरी दवाओं की आपूर्ति हर समय रहनी चाहिए ताकि समय पर गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह से कोई परेशानी नहीं हो। इस अवसर पर बैसा सीएचसी के एमओआईसी डॉ रफ़ी ज़ुबैर, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशन, डॉ गौरव, बीएचएम आलोक वर्मा, बीसीएम राजेश रजक, केयर इंडिया के बीएम रोहित सिंह, एनएमएस मधु सिंह, जीएनएम साहिका प्रवीण, शगुफ्ता, श्वेता भारती, अभिलाषा, दीपशिखा सहित कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।

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