हाथी दिवस मनाने की कैसे हुई शुरुआत और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य

हाथी दिवस मनाने की कैसे हुई शुरुआत और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य

श्रीनारद मीडिया,रोहित मिश्रा,सेंट्रल डेस्क

हाथी धरती पर पाया जाने वाला सबसे विशाल प्राणी है। जो राजसी ठाट-बाट का तो प्रतीक था ही साथ ही इसे युद्ध से लेकर बारात, जुलूस में भी इसे शामिल किया जाता था। केरल में तो कुछ खास समारोहों और उत्सवों में खासतौर से हाथियोंका श्रृंगार किया जाता है। भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 में हाथियों को सर्वोच्च दर्जा दिया गया है। तो आज हाथी दिवस के मौके पर आइए जानते हैं कब और किस उद्देश्य के तहत इस दिवस को मनाने का ख्याल आया।

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सिम्स और एलिफेंट की इंट्रोडक्शन फाउंडेशन द्वारा साल 2011 में इसकी पहल की गई थी लेकिन ऑफिशियली 12 अगस्त, 2012 को इसे मनाने की घोषणा हुई थी।

हर साल 12 अगस्त को मनाए जाने वाले “विश्व हाथी दिवस” का उद्देश्य हाथियों के लुत्प हो रही संख्या, उसके कारणों पर की ओर लोगों का ध्यान खींचना है। साथ ही उनके संरक्षण के उपायों, पुनर्वास, बेहतर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और गैर कानूनी तस्करी रोकने की ओर भी प्रयास करने के लिए प्रेरित करना है।

हाथी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

1. सफेद हाथी के सूंघने की क्षमता इतनी तेज होती है कि वे लगभग 5 किलोमीटर दूर से ही पता लगा सकते हैं कि जंगल में पानी का स्त्रोत कहां है और किस दिशा में।

2. एशियाई हाथी ऍलिफ़समैक्सिमस प्रजाति की एकमात्र जीवित प्राणी है जो पश्चिम में भारत से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया तक पाया जाता है।

3. हाथी 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में माहिर हैं।

4. एशियाई हाथी एशिया का सबसे बड़ा जीवित जानवर है। जिनमें उच्च विकसित नियोकोर्टेक्स होता है जो मानव, बंदरों और कुछ खास डॉल्फिन्स की प्रजातियों में पाया जाता है।

5. हाथी दिन में सिर्फ 3-4 घंटे ही सोते हैं, बचा समय वो खाना खाने और ढूंढने में बिताते हैं।

6. हाथी रोजाना लगभग 270-300 किलोग्राम खाना खा जाते हैं और 75-150 लीटर तक पानी पीते हैं।

7. एक हाथी दूसरे हाथी को लगभग 10 किमी दूर तक चिल्लाते हुए सुन सकता है।

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