सामूहिक प्रयास से फाइलेरिया को जड़ से खत्म करना आसान : एडीएम
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 20 सितंबर से शुरू होगा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम:
अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी के लिये हुआ कार्यशाला का आयोजन:
दो साल से अधिक उम्र के लोगों को निर्धारित मात्रा में कराया जायेगा दवा का सेवन:
श्रीनारद मीडिया, अररिया, (बिहार):
फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में आगामी 20 सितंबर से सर्वजन दवा सेवन अभियान का संचालन किया जायेगा। इसके तहत फाइलेरिया से बचाव के लिये लोगों के उम्र के हिसाब से निर्धारित अलबेंडाजोल व डीईसी की दवा का सेवन कराया जाना है। अभियान की सफलता को लेकर स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों के लिये विशेष कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को समाहरणालय परिसर स्थित डीआरडीए सभागार में किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन एडीएम अनिल कुमार ठाकुर, सिविल सर्जन डॉ डॉ एमपी गुप्ता, एसीएमओ डॉ राजेश कुमार, डब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर डॉ दिलीप, डीपीएम रेहान अशरफ, वीवीडी कंसल्टेंट सुरेंद्र बाबू सहित अन्य ने सामूहिक रूप से किया।
सामूहिक प्रयास से फाइलेरिया से स्थायी निजात पाना संभव:
कार्यशाला को संबोधित करते हुए एडीएम अनिल कुमार ठाकुर ने फाइलेरिया को एक कष्टकारी रोग बताते हुए इसके उन्मूलन के लिये सामूहिक प्रयास की बात कही। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया के रोगी को समाज में उपेक्षित नजरों से देखा जाता है। इसलिये इसे जड़ से खत्म करना जरूरी है। अभियान की सफलता के लिये उन्होंने प्रखंड स्तर पर सघन जागरूकता अभियान का संचालन करते हुए रोगग्रस्त लोगों को चिह्नित कर उनका समुचित इलाज सुनिश्चित कराने का निर्देश संबंधित स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया। सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने कहा कि फाइलेरिया को इसके पहले स्टेज में ही रोकना संभव है। लोगों को उसके उम्र के हिसाब से दवा का सेवन कराया जाना है। खाली पेट कोई दवा का सेवन न करें यह सुनिश्चित कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया के निदान के लिये फिलहाल कोई दवा नहीं है। रोग से बचाव के लिये एमडीएम का खुराक लेना जरूरी है। डीपीएम रेहान अशरफ ने कहा कि रोग मुक्त समाज का निर्माण स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शुमार है। आमतौर पर हम अपने दैनिक व्यवहार में मामूली बदलाव के बूते कई भयानक बीमारियों से खुद का बचाव कर सकते हैं। लिहाजा लोगों को अपने व्यवहार में जरूरी बदलाव के लिये प्रेरित व जागरूक करना अभियान की सफलता के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
उम्र के हिसाब से कराया जायेगा दवा का सेवन:
डब्ल्यूएचओ के जोनल कोर्डिनेटर दिलीप कुमार ने पीपीटी के माध्यम से रोग की गंभीरता से स्वास्थ्य अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के लिये व्यक्ति के उम्र के आधार तीन श्रेणियां निर्धारित की गयी हैं । इसमें 02 से 05 साल तक के सभी बच्चों को अलबेंडाजोल व डीईसी की एक-एक गोली का सेवन कराया जायेगा। वहीं 06 से 14 साल के बच्चों को 01 अलबेंडाजोल व 02 डीईसी गोली का सेवन कराया जायेगा। 15 साल से अधिक उम्र के लोगों को 01 अलबेंडाजोल व 03 डीईसी की गोली का सेवन कराया जाना है। गौरतलब है कि दो साल से कम उम्र के बच्चे, गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्ति व गर्भवती महिलाओं को दवा का सेवन नहीं कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि परजीवी संक्रमित मच्छर के काटने से संक्रमित होने का खतरा होता है| शरीर में फाइलेरिया के लक्षण काफी देर से उजागर होते हैं|. जिससे इसका समुचित इलाज मुश्किल होता है|. अत्यधिक पसीना आना, सिर दर्द होना, हड्डी व जोड़ों में दर्द, भूख में कमी, उल्टी, जंघासो, घुटने के नीचे, कांख आदि की भित्तियों व अंडकोष में दर्द व सूजन सामान्य तौर पर रोग के लक्षणों में शुमार हैं।
कोविड प्रोटोकॉल के तहत होगा अभियान संचालित:
वीडीसीओ ललन कुमार ने बताया कि अभियान के तहत कोरोना प्रोटोकॉल का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। दवा सेवन कार्यक्रम से जुड़े सभी स्वास्थ कर्मी मास्क का उपयोग, शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए ग्लब्स पहन कर दवा उपलब्ध करायेंगे। वीवीडी कंस्लटेंट सुरेंद्र बाबु ने बताया कि अभियान के तीन चरणों में अलग-अलग गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। ड्रग एडमिनिसट्रेटर के सामने ही लोगों को दवा का सेवन कराया जायेगा। अभियान की सफलता में केयर इंडिया, पीसीआई सहित अन्य सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि अपना जरूरी सहयोग करेंगे। कार्यक्रम में सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम, केटीएस, केयर इंडिया व पीसीआई के प्रतिनिधि मौजूद थे।
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