महादलित महिलाओं ने समुदाय के वंचित लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने की ली शपथ

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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर खमगड़ा एपीएचसी में हुआ विशेष शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन:
समारोह में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बड़ी संख्या में स्थाननीय महादलित महिलाओं ने लिया भाग:
महिलाओं ने कहा कि समाज को महामारी से निजात दिलाने के लिये टीकाकरण जरूरी:

श्रीनारद मीडिया‚ अररिया, (बिहार):


कोरोना महामारी से समाज को निजात दिलाने के प्रयासों में अब महिलाओं की भागीदारी निर्णायक साबित होने वाली है। महिलाएं अब ये भली-भांति समझने लगी हैं कि टीकाकरण ही महामारी से निजात पाने का एक मात्र जरिया है। लिहाजा हर वर्ग व समुदाय की महिलाएं कोरोना टीकाकरण को बढ़ावा देने के प्रयासों में अपनी सहभागिता सुनिश्चित कराने के प्रयासों में जुटी हैं। इसी क्रम में 75 वें स्वतंत्रता

 

दिवस समारोह के दौरान जिले के खमगड़ा एपीएचसी में एक अनूठी पहल देखी गई। एपीएचसी में आयोजित झंडोत्तोलन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महादलित समुदाय की महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के समापन के पश्चात महादलित समुदाय की ग्रामीण महिलाओं ने

 

 

समाज में अब तक टीकाकरण से वंचित लोगों का शतप्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित कराने की सामूहिक शपथ ली। ग्रामीण महिलाओं के इस संकल्प में भागीदार बनते हुए स्वास्थ्य कर्मियों ने भी शतप्रतिशत टीकाकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। कार्यक्रम में एपीएचसी प्रभारी डॉ शाजी शमीम, एनएम आलोमनी देवी, सावित्री देवी, डाटा एंट्री ऑपरेटर हेमंत कुमार ठाकुर, सुभाष यादव, लक्ष्मण, उमा शंकर झा, छोटू झा समेत दर्जनों महादलित महिला शामिल थी।

टीकाकरण के मामले में पुरुष आबादी अब भी पीछे: एमओआईसी
कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए खमगड़ा एपीएचसी के प्रभारी चिकित्सक डॉ शाजी शमीम ने बताया कि कोरोना टीकाकरण के शुरुआती दौर से ही ग्रामीण इलाकों में इसे लेकर भ्रम की स्थिति बनने लगी थी। इसमें काफी कुछ सुधार हुआ है। बावजूद इसके अब भी कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने अब तक कोरोना का टीका नहीं लगाया है। खास कर आर्थिक, शैक्षणिक व सामाजिक स्तर पर पिछड़े समुदाय के लोगों

 

में टीकाकरण के प्रति अब भी जागरूकता की कमी है। एपीएचसी के डेटा इंट्री ऑपरेटर हेमंत कुमार ठाकुर ने बताया कि अभियान में जीविका, आशा, आंगनबाड़ी सेविका के प्रयासों में क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाओं का टीकाकरण हुआ है। लेकिन इसमें क्षेत्र की पुरुष आबादी अब भी पिछड़ा है। घरेलू काम-काज में अपनी व्यस्तता व कोरोना टीका को लेकर मन में पहले से व्याप्त संदेह उन्हें अब भी भ्रमित कर रहा है। ऐसे में महादलित समुदाय की महिलाओं की अनूठी पहल वाकई आने वाले समय में टीकाकरण अभियान की सफलता में बेहद मददगार साबित होने वाली है।

सामूहिक प्रयास से हमने मुश्किल चुनौतियों को दी है मात:
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल महिला बुचनी देवी, संगीता देवी, अनुपमा देवी सहित अन्य ने बताया कि सैकड़ों साल की गुलामी से देश वासियों को निजात दिलाने के लिये हमारे पूर्वजों को लंबा संघर्ष करना पड़ा। महापुरुषों ने अपनी कुर्बानी देते हुए सामूहिक प्रयास से

 

देशवासियों को अग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराया। फिलहाल वैश्विक महामारी कोरोना देश वासियों के सामने एक विकट समस्या का रूप ले चुका है। ऐसे में इसे पूरी तरह से खत्म करने के लिये समाज के हर तबका को इसमें अपनी भागीदारी निभानी होगी। टीकाकरण महामारी से निजात पाने का एक मात्र जरिया है। हमने टीका का दोनों डोज ले लिया है। बावजूद इसके समाज में कई लोग हैं। जो आज भी इससे वंचित हैं। वंचित लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित कराने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों की मुहिम में अब हम भी बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी निभायेंगे। जो भी बचे लोग होंगे उन्हें समझा-बुझा कर उनका टीकाकरण सुनिश्चित कराने का प्रयास करेंगे।

 

 

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