नेशनल डिफेंस अकादमी और नवल अकादमी की परीक्षा में अब लड़कियां भी बैठ सकेंगी
श्रीनारद मीडिया‚ राकेश सिंह‚ सेंट्रल डेस्कः
नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA) और नवल अकादमी (NA) की परीक्षा में अब लड़कियां भी बैठ सकेंगी. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने महिला अभ्यर्थियों को एनडीए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया. सुनवाई के दौरान सेना ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह एक नीतिगत निर्णय है, जिस पर जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने कहा कि यह नीतिगत निर्णय “लिंग भेदभाव” पर आधारित है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपना अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि महिलाओं को 5 सितंबर को होने वाली राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) परीक्षा में शामिल होने दिया जाए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दाखिले कोर्ट के अंतिम आदेश के अधीन होंगे.
याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि 10+2 स्तर की शिक्षा रखने वाली पात्र महिला अभ्यर्थियों को उनके लिंग के आधार पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा देने के अवसर से वंचित कर दिया जाता है. जो मौलिक नियमों के खिलाफ है.
वहीं, समान रूप से 10+2 स्तर की शिक्षा वाले पुरुष अभ्यर्थियों को परीक्षा देने और अर्हता प्राप्त करने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशंड अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के लिए प्रशिक्षित होने के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने का अवसर मिलता है. यह सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसर की समानता के मौलिक अधिकार और लिंग के आधार पर भेदभाव से सुरक्षा के मौलिक अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।
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