बंगाल में चुनाव-बाद हिंसा की जांच का आदेश ममता को बड़ा झटका – सुशील कुमार मोदी
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– लालू राज की चुनावी हिंसा की याद दिलाने वाली थीं घटनाएँ, हजारों लोगों ने ली असम में शरण
श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):
राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने टवीट किया है कि पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में बड़े पैमाने पर हुई हिंसा, बलात्कार और आगजनी की घटनाओं की जांच सीबीआई और एसआइटी से कराने का कोलकाता हाईकोर्ट का फैसला राज्य की निरंकुश ममता सरकार को करारा झटका है।
इन घटनाओं में भाजपा के 14 कार्यकर्ता मारे गए थे और दर्जनों महिलाओं से बलात्कार हुए थे।
पश्चिम बंगाल में जो हुआ, वह बिहार में लालू राज के दौरान हुई चुनावी हिंसा की दुखद घटनाओं की याद कराने वाला था।
पश्चिम बंगाल में चुनाव-बाद हिंसा की 541 घटनाओं की रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हाईकोर्ट को सौंपी थी, जबकि राज्य मानवाधिकार आयोग ने ऐसा एक भी केस दर्ज नहीं किया था।
संविधान की शपथ लेकर मुख्यमन्त्री बनने वाली ममता बनर्जी के इशारे पर कानून और संविधान की धज्जियाँ उड़ायी गईं। राज्य के 80 हजार से ज्यादा लोगों को जान बचाने के लिए असम में शरण लेनी पड़ी।
जिस ममता राज में हिंसा-बलात्कार की व्यापक घटनाओं से मानवाधिकार का हनन हुआ और टीएमसी को वोट न देने वालों पर हमला कर लोकतंत्र को लहूलुहान किया गया, उसे लालू प्रसाद की पार्टी ने बिना शर्त समर्थन दिया था।
हाईकोर्ट का फैसला राजद, कांग्रेस जैसे दलों से मुखौटा नोचने वाला है।
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