विधायिका‚ कार्यपालिका और बुद्धजिवियो के कुंभकर्णी निंद में सोने के कारण मुख्य सड़क पर बह रहा है नाले का गंदा पानी
स्वच्छ बिहार,स्वस्थ्य बिहार का स्लोगन मजाक बनकर रह गया है।
श्रीनारद मीडिया,प्रसेनजीत चौरसिया, रघुनाथपुर, सीवान (बिहार)
आजकल हर काम मे भ्र्ष्टाचार के लिए लोग बड़ी आसानी से राज्य सरकार व केंद्र सरकार को दोषी ठहराकर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ लेते हैं.आज हम एक ऐसे ही विकास की बात करते हैं जो की बीते वर्ष पहले सीवान जिले के रघुनाथपुर बाजार में स्टेट हाइवे पर सड़क से सटे एक नाले का निर्माण हुआ था ताकि लोगो के घरों का गंदा पानी मुख्य नाले में गिरे न कि सड़क पर।लेकिन उक्त नाला रघुनाथपुर बाजारवासियों के लिए एक अभिशाप बन गया। क्योकि जब नाले का निर्माण हुआ तब उसे सड़क व मकान से काफी उचा बना दिया गया.
जिससेे दर्जनों/सैकड़ों दुकाने व मकान गड्ढो मे तब्दील हो गए लेकिन यहाँ की लालची जनता ने विरोध करना उचित नहीं समझा।पैसे वालो ने तो अपनी अपनी दुकानो व मकानों को उचा करवा लिए लेकिन जिनके पास पैसे नही थे वो नर्क भोगने को तैयार हो गए। बनने के कुछ ही दिन बाद नाला ने लोगो के घरों के गन्दे पानी को मुख्य नाले में गिराने से अपने हाथ खड़े कर दिये, फायदा हुआ नेता जी का, फायदा हुआ ठेकेदार का, फायदा हुआ साहब लोगो का, और फायदा उन मानव के भेष में दिखने वाले जानवरो का जिन्हे नाले का पानी बहुत पसंद है।
लेकिन उनका क्या जो इंसान है? उनका क्या जो समझदार है? उनका क्या जिनका परिवार है? और उनका क्या जो आज भी इस नाले का बहाव सड़क पर होने के कारण ना सांस ले पा रहे है.किसी की कोई सुनने वाला नही है। जिस जनप्रतिनिधि को सोख्ता बनवाने का ठेका दे रखा है वही लोग अपना नाला सड़क पर गिराते है। न जाने ऐसे कितने ही उदाहरण है जो हमारी भ्र्ष्ट व्यवस्था क़ो रोज दिखाता है। बहरहाल “मेरा भारत महान” कहने से चूकना नही है।
स्वच्छ भारत,स्वस्थ्य भारत.स्वच्छ बिहार,स्वस्थ्य बिहार का स्लोगन मजाक बनकर रह गया है।रघुनाथपुर मुख्य सड़क पर नाले का गंदा पानी बहते देख ।
आभार:संजय चौरसिया व दीपक पांडेय
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