एनएसजी का ‘गांडीव’, कमांडो बल ने शुरू किया आतंक निरोधक सशस्त्र अभ्यास.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दुश्मनों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने संबंधी अपनी तैयारियों को परखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने व्यापक अभ्यास का आगाज किया है। एनएसजी कमांडो ‘गांडीव’ नामक इस वार्षिक अभ्यास में विमान अपहरण व बंधक बनाने जैसी परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और चुनौतियों को मात देने की अपनी बेजोड़ क्षमता का प्रदर्शन भी करेंगे। 22 को प्रारंभ हुए इस अभ्यास का समापन 28 अगस्त को होगा। ‘गांडीव’ महाभारत के महारथी अर्जुन के धनुष का नाम है।
सोमवार को जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘इस अभ्यास में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के विभन्न शहरों के उन स्थानों को शामिल किया गया है, जो आतंकी वारदातों के लक्ष्य हो सकते हैं। अभ्यास के लिए 30-35 ऐसे स्थानों को चुना गया है।’ विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, राज्य एजेंसियों व विदेशी प्रतिनिधि इन अभ्यासों को देखेंगे।
आतंक निरोधक बल एनएसजी का गठन वर्ष 1984 में किया गया था। एनएसजी कमांडो आतंकी गतिविधियों से निपटने में दक्ष तो हैं ही, बल का विशेष दस्ता फिलहाल देश के कम से कम 13 अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है। मानेसर मुख्यालय के अलावा इसके पांच हब गांधीनगर, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद व चेन्नई में हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को पहली बार भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) मार्क लेवल-5 की बुलेट प्रूफ जैकेट्स उपलब्ध कराई जाएंगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, करीब 4,000 जैकेट्स की यह खेप 23-24 सितंबर तक उपलब्ध करा दी जाएगी।
अग्रिम मोर्चे, वीआइपी लोगों की सुरक्षा और नक्सल प्रभावित व जम्मू-कश्मीर जैसे अन्य अशांत इलाकों में तैनात सीएपीएफ कर्मियों को उनकी सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट उपलब्ध कराई जाती हैं। वर्तमान में सीएपीएफ द्वारा इस्तेमाल की जा रहीं बुलेट प्रूफ जैकेट्स अमेरिकी न्याय विभाग की शोध, विकास एवं मूल्यांकन एजेंसी नेशनल इंस्टीट्यूट आफ जस्टिस (एनआइजे) द्वारा युद्धक इस्तेमाल के लिए स्वीकृत हैं।
बीआइएस से स्वीकृति हासिल करने के अलावा इन बुलेट प्रूफ जैकेट्स की गुणवत्ता को बढ़ाकर लेवल-5 का किया गया है। वर्तमान में सात सीएपीएफ द्वारा लेवल-4 की बुलेट प्रूफ जैकेट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इनमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), असम राइफल्स (एआर) और नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी) शामिल हैं।
सभी सीएपीएफ में आइटीबीपी और एसएसबी को सबसे पहले बीआइएस प्रमाणन वाली नई अपग्रेडेड बुलेट प्रूफ जैकेट्स उपलब्ध कराई जाएंगी। सीएपीएफ के लिए खरीद से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि मांग और जरूरतों के मुताबिक अन्य सीएपीएफ को भी भविष्य में और बुलेट प्रूफ जैकेट्स उपलब्ध कराई जाएंगी। उन्होंने बताया कि सीएपीएफ कर्मी अभी लेवल-4 की जैकेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन अपग्रेडेड लेवल-5 की जैकेट्स में हार्ड स्टील कोर (एचएससी) बुलेट्स को रोकने की क्षमता होगी। ऐसी प्रत्येक जैकेट की कीमत 40 से 45 हजार रुपये रहने का अनुमान है।
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