बक्सर में ‘चिनूक’ हेलिकॉप्टर को ठीक करने पहुंचे अमेरिकी एक्सपर्ट.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारतीय वायुसेना के ZL-4677 हेलिकॉप्टर को कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण बिहार-UP सीमा स्थित बक्सर के मानिकपुर गांव के हाई स्कूल के पास एहतियातन लैंडिंग करानी पड़ी। मामला बुधवार की शाम 5 बजे का है। बताया जा रहा कि यह इंडियन एयरफोर्स का चिनुक हेलिकॉप्टर है। विमान में बैठे सभी सैनिक सुरक्षित हैं। इधर, मैदान में अचानक बड़े हेलिकॉप्टर को मंडराते देख ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। वहां मौजूद युवक वीडियो व फोटो बनाने लगे और यहां उतरने का कारण जानने का प्रयास करने लगे।
दरअसल, इंडियन एयरफोर्स की एक टीम हेलिकॉप्टर से इलाहाबाद से बिहटा जा रही थी, तभी यूपी से बिहार के बक्सर में प्रवेश करने के साथ ही पायलट ने हेलिकॉप्टर में कुछ तकनीकी दिक्कत को भांपा और धनसोई थाना स्थित मानिकपुर हाई स्कूल के फील्ड में हेलिकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग कराई। इसकी सूचना फौरन ही बक्सर SP को दी गई।
हेलिकॉप्टर में आई तकनीकी खराबी को ठीक करने के लिए सूचना दिए जाने के बाद बिहटा एयरफोर्स स्टेशन से एक्सपर्ट की टीम रवाना हो गई है। फिलहाल एयरफोर्स के अधिकारी इस बारे में कुछ ज्यादा बताने से इनकार कर रहे हैं। वहीं, बक्सर SP नीरज कुमार द्वारा बताया गया कि हेलिकॉप्टर में एयरफोर्स के जवान हैं। जहां राजपुर व धनसोइ थाना के अधिकारियों व सिपाहियों को मौके पर भेजा गया है।
जिले के मानिकपुर गांव में बुधवार को चिनुक हेलिकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग के बाद इंडियन एयरफोर्स और अमेरिकी एक्सपर्ट की टीम उसे ठीक करने में लग गई है। गुरुवार को इंडियन एयरफोर्स के चार वाहनों के साथ टेक्नीशियन हाई स्कूल मानिकपुर पहुंचे। हालांकि, चिनूक कब तक ठीक होगा, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। इधर, हेलिकॉप्टर को देखने के लिए लोगों की मैदान के चारों ओर काफी भीड़ जुट गई। कल भी लोग चिनूक को देखने के लिए मैदान में जुट गए थे।
चिनूक हेलिकॉप्टर को ठीक किए जाने को लेकर कई बार इंडियन एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर हाई स्कूल मानिकपुर मैदान के पास मंडराते दिखे। हेलिकॉप्टर से टेक्नीशियन व अन्य सामग्री को उतारा गया। वहीं, एयरफोर्स की टीम और हेलिकॉप्टर को देख ग्रामीण भारत माता की जयकारे लगाते भी नजर आए।
चिनूक बहुउद्देश्यीय हेलिकॉप्टर है, जिनका उपयोग दुर्गम और ज्यादा ऊंचाई वाले स्थानों पर जवानों, हथियारों, मशीनों तथा अन्य प्रकार की रक्षा सामग्री को ले जाने में किया जाता है। ये 20 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकते हैं और 10 टन तक का वजन ले जा सकते हैं।
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