गंडक में लगातार बढ़ते जलस्तर से बाढ़ की स्थिति गंभीर
बाढ़पीड़ित सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर
श्रीनारद मीडिया, अमृता मिश्रा, पानापुर, सारण(बिहार):
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश एवं वाल्मीकिनगर बराज से नेपाल द्वारा लगातार भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से बाढ़ की स्थिति विकराल होते जा रही है।गंडक नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर ,सलेमपुर ,सोनवर्षा ,बसहिया , उभवा ,रामपुररुद्र 161 गांवो के सैकड़ो घरो में पानी प्रवेश कर गया है।लोग अपने बाल बच्चो ,जरूरी सामानों एवं मवेशियों के साथ सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर है।
विगत दो माह के अंदर चौथी बार बाढ़ की विभीषिका झेल रहे बाढ़पीड़ितों की माथे पर उभरी चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही है। वही रामपुररुद्र 161 गांव को जानेवाली सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है जिससे इस टोले का सड़क संपर्क भंग हो गया है।मालूम हो कि सारण तटबंध से रामपुररुद्र 161 गांव को जानेवाली मुख्य सड़क विगत दो माह में तीन बार आयी बाढ़ से पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका था।
ग्रामीण चचरी पुल बनाकर किसी तरफ आवागमन बहाल किये हुए थे लेकिन एकबार फिर आयी बाढ़ ने आवागमन के सारे रास्ते बंद कर दिए है।प्रशासनिक उपेक्षा से नाराज है बाढ़पीड़ित ।प्रखंड क्षेत्र में चौथी बार आयी बाढ़ से परेशान ग्रामीण प्रशासनिक उपेक्षा से नाराज है।बाढ़पीड़ितों ने बताया कि बाढ़ की दंश झेल रहे बाढ़पीड़ितों की सुधि लेने अबतक कोई नही आया है।
रामपुररुद्र 161 गांव के बाढ़पीड़ितों ने बताया कि पंचायत की निवर्तमान मुखिया रूबी देवी के सौजन्य से चार नावो की व्यवस्था की गयी है जिससे बाढ़पीड़ित अपने जरुरी सामानों की खरीददारी के लिए बाजारों पर पहुँच पा रहे है।
मुखिया प्रतिनिधि आलोक सिंह ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद प्रखंड क्षेत्र में आयी इस विपदा की घड़ी में पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी।इस बीच जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि नेपाल द्वारा छोड़ा गया चार लाख से ज्यादा क्युसेक पानी का ज्यादा हिस्सा पानापुर की सीमा से गुजर गया है। ऐसे में लोगो को धैर्य बनाये रखने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि सारण तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है।
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