भारत आ रहा है रूस की AK-103 असाल्ट राइफल.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारतीय सेना ने बड़ी संख्या में एके-103 असाल्ट राइफलें खरीदने के लिए रूस के साथ एक करार किया है। सेना एक मेगा इन्फैंट्री आधुनिकीकरण कार्यक्रम लागू कर रही है जिसके तहत बड़ी संख्या में लाइट मशीन गन, बैटल कार्बाइन और असाल्ट राइफलों की खरीद की जा रही है ताकि पुराने और अप्रचलित हथियारों को बदला जा सके। इसके तहत भारतीय वायुसेना के जवानों को इंसास राइफलों की जगह आधुनिक एके-103 राइफल्स दी जाएगी।
नौसेना के मरीन कमांडो पहले से ही एके-103 राइफलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कश्मीर घाटी की वुलर झील में तैनाती के दौरान वे आतंकियों के खिलाफ इस आधुनिक हथियार का इस्तेमाल किया जाता है।
– एके-103 राइफल एके-47 का हल्का और ज्यादा सुरक्षित अपग्रेडेड वर्जन है।
– यह आधुनिक खूबियां से लैस बेसिक इन्फेंट्री की असाल्ट राइफल है।- इसकी मैगजीन में 30 बुलेट लोड हो सकती हैं।
– एके सीरीज की राइफल के विभिन्न पुराने वर्जन की मैगजीन भी इसमें काम कर सकती हैं।
– इसमें टेलीस्कोप और नाइट विजन के साथ ही चाकू और ग्रेनेड लांचर भी है।
एके-103 और ओके-47 में फर्क
एके-103
इससे एक मिनट में 650 राउंड तक फायरिंग की जा सकती है।
-यह आटोमेटिक और सेमी आटोमेटिक मोड पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम और ज्यादा सुरक्षित है।
– 500 मीटर की रेंज तक निशाना साध सकती है।
एके-47
एक मिनट में 600 राउंड तक फायरिंग संभव है।
– फुल आटो मोड पर यह अस्थिर और थोड़ा असुरक्षित है।
– इसकी निशाना लगाने की रेंज करीब 400 मीटर तक है।
वायु सेना को फिलहाल 1.5 लाख नई असाल्ट राइफलों की जरूरत है। नई एके-103 राइफलें अगले कुछ महीनों में वायु सेना को मिल जाने की उम्मीद है। इससे आतंकी हमलों से निपटने की उसकी क्षमता बेहतर होगी। सूत्रों ने बताया कि रूस से 70 हजार असाल्ट राइफलें खरीदने के लिए आपातकालीन प्रविधानों के तहत पिछले सप्ताह लगभग 300 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।
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