श्रीकृष्ण का अलग-अलग स्वरूप का पूजा कर अलग अलग मनोकामनाएं होता है पूर्ण, पढे़ विशेष खबर
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
लीलाधार भगवान श्रीकृष्ण के अनंत रूप हैं. इनमें से उनके बारह कल्याणकारी स्वरूपों की सर्वाधिक आराधना होती है. कहते हैं विशेष मनोकामनाएं पूरी करते हैं श्रीकृष्ण के ये 12 स्वरूप. जानें किस मनोकामना के लिए श्रीकृष्ण के किस विग्रह की किस कृष्ण मंत्र से पूजा करें?
भगवान श्रीकृष्ण सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु के पूर्णावतार हैं. सोलह कलाओं और चौंसठ ज्ञान से परिपूर्ण. भगवान श्रीकृष्ण के स्वरूपों का थाह लगाना संभव ही नहीं. श्रीकृष्ण के विभिन्न स्वरूपों की आराधना का अलग-अलग माहात्म्य कहा गया है. सकाम पूजा में अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए श्रीकृष्ण के अलग-अलग विग्रह की विभिन्न कृष्ण मंत्र से पूजा की जाती है. फिर भी बारह कल्याणकारी स्वरूपों या विग्रहों की भक्तों द्वारा सर्वाधिक आराधना की जाती है.
बाल्यावस्था में प्रभु ने अनगिनत असुरों का वध कर उनका उद्धार किया. किशोरावस्था से लेकर प्रौढ़ावस्था तक धर्म की रक्षा के लिए भगवान लीलाएं करते रहे. उनके हर स्वरूप की आराधना परम कल्याणकारी है. हर स्वरूप की आराधना-स्तुति का विशेष महत्व है. संतान प्राप्ति, मान-सम्मान, संकटनाश, कारोबार में उन्नति, कोर्ट-कचहरी के चक्करों से मुक्ति से लेकर धन ऐश्वर्य तक के लिए प्रभु के अलग-अलग विग्रहों की आराधना का विशेष महात्म्य बताया गया है.
लड्डू गोपाल विग्रहः धन संपत्ति प्रदायक
भगवान श्रीकृष्ण के ऐसे स्वरुप का ध्यान करें जिसमें वह बालरूप में हैंऔर उनके हाथों में लड्डू हैं. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को हरे रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें.
धूप-दीप-पुष्प आदि से पूजा करके सफेद चन्दन का तिलक या लेप करें. प्रसाद में दूध और शर्करा से बनी खीर अर्पित करें. हरे रंग के आसन पर बैठकर चन्दन की माला से निम्न मंत्र का जप करें.
मंत्र- ॐ स: फ्रें क्लीं कृष्णाय नम: या ऊं क्लीं कृष्णाय नमः
मंत्र जाप के बाद भगवान पर ठंढे दूध के कुछ छीटें दें. भगवान लडडू गोपालजी की आराधना घर के सदस्य की तरह की जानी चाहिए. भाव यह होना चाहिए कि हे लड्डू गोपाल जी आज से यह घर आपका है. आपकी ही कृपा से यह चलेगा. अब आप ही घर के स्वामी हैं तो घर का भार उठाएं. घर के सदस्यों को सद्बुद्धि दें. भगवान लडडू गोपाल की पूजा में छोटी-छोटी सावधानियों का भी ध्यान जरूर रखें. पढ़ें पोस्ट
बंसीधर विग्रह-मानसिक सुख प्रदायक
भगवान श्रीकृष्ण का बंसीधर स्वरूप मानसिक शांति प्रदान करने वाला कहा गया है. भगवान के बालस्वरुप जिसमें वह हाथों में बंसी लिए हुए हैं, उसका ध्यान करें. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को नीले रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप-दीप-पुष्प आदि चढ़ाकर, कपूर से आरती करें. प्रसाद में मेवे अर्पित करें. नीले रंग के आसन पर बैठकर चन्दन की माला से निम्न मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ श्री कृष्णाय क्लीं नम:
मंत्र जाप के बाद भगवान को घी के छीटे दें. मंत्र की कम से कम एक माला या यथासंभव जप करना चाहिए. मन जब बहुत अशांत होने लगे तो आंखें मूंद लें. अनुभव करें कि आप गोकुल में हैं और सजे-धजे भगवान कहीं बैठे बंसी बजा रहे हैं. आपके कानों में उसकी ध्वनि पड़ रही है. ध्वनि पड़ती जाती है और आपके अंदर का अवसाद अपने आप गायब हो रहा है. ऐसा अनुभव करते यदि झपकी आए तो नींद ले लें. आपको बहुत शांति महसूस होगी. यदि मंत्रजप करते समय भी विभोर होकर नींद आने लगे तो झपकी ले लें. आपको भगवान में खो जाना है. माला की गिनती का ध्यान रखने की हमेशा आवश्यकता नहीं. जो भगवान में खो जाते हैं उनके लिए गिनती का क्या अर्थ.
कालिया मर्दक विग्रह- कारोबार में उन्नतिदायक
कारोबार-व्यापार की बाधाएं दूर करने वाला है भगवान का कालियामर्दक विग्रह. भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा स्वरुप जिसमें वह कालिया नाग के सिर पर सवार होकर नृत्य की मुद्रा में स्थित हैं. ऐसे स्वरुप का ध्यान करें. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को काले रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप दीप पुष्प आदि से पूजनकर, गोरोचन प्रदान करें. प्रसाद में मक्खन अर्पित करें. काले रंग के आसन पर बैठकर चन्दन की माला से मंत्र का जाप करें. ऐसी एक छवि अपने दुकान-ऑफिस में भी स्थापित कर लें.
मंत्र- ॐ हुं ऐं नम: कृष्णाय
मंत्र जाप के बाद भगवान् को दही के छीटे देना चाहिए. दुकान-ऑफिस में आने वाले हर आगंतुक का प्रेम से स्वागत करना चाहिए. यह करते रहें तो व्यापार की बाधा मिटती जाएगी और धन आगमन होगा.
संतान सुख के लिए किस विग्रह की किस विधि से करें पूजा…
बाल गोपाल विग्रह- संतान सुख प्रदायक
भगवान का बाल-गोपाल विग्रह संतान सुख प्रदायक माना गया है. भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा स्वरुप जिसमें वह एक पालने में झूलते शिशु कृष्ण हैं. उस स्वरुप का ध्यान करें. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को पीले रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप-दीप-पुष्प आदि से पूजन कर, केसर का तिलक करें. प्रसाद में मिसरी अर्पित करें. पीले रंग के आसन पर बैठकर चन्दन की माला से मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ क्लीं क्लीं क्लीं कृष्णाय नम:
मंत्र जाप के बाद भगवान् को शहद के छीटे दें. इस मंत्र के जप से ध्यान लग जाता है. आपको निद्रा की अनुभूति हो सकती है. भगवान के ध्यान में रहें, मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी.
पुराने रोग, बार-बार होने वाली रोगबाधा को दूर करने के लिए कैसे करें भगवान का ध्यान…
माखनचोर विग्रह- रोगनाशक
भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा स्वरूप, जिसमें वह माता यशोदा के सामने माखन की हांडी लिए दीखते हैं. माता उनसे पूछ रही हैं और वह माखन खाने से मना कर रहे हैं. ऐसे स्वरूप की तस्वीरें बहुत मिल जाती हैं. भगवान के ऐसे स्वरुप का ध्यान करें.
भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को पीले रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप दीप पुष्प आदि से पूजनकर सुच्चा मोती प्रदान करें. प्रसाद में फल अर्पित करें. पीले रंग के आसन पर बैठकर चन्दन की माला से मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ हुं ह्रौं हुं कृष्णाय नम:
मंत्र जाप के बाद भगवान् को गंगाजल के छीटे दें.
मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए, घर-परिवार-समाज में प्रतिष्ठा प्राप्ति के लिए कैसे करें भगवान की आराधना..
गोपालक कृष्ण विग्रह- मान-सम्मान बढ़ाने वाला
भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा स्वरुप जिसमें वह वन में सखाओं सहित गैय्या चराते हैं ऐसे स्वरुप का ध्यान करें. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को मटमैले रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें.
धूप दीप पुष्प आदि चढ़ाकर, मोर पंख प्रदान करें. प्रसाद में मिठाई अर्पित करें. मटमैले रंग के आसन पर बैठ कर चन्दन की माला से मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ ह्रौं ह्रौं क्लीं नम: कृष्णाय
मंत्र जाप के बाद भगवान् को दूध के छीटे दें.
क्रूर ग्रह की बाधा शांति के लिए श्रीकृष्ण पूजा, अगले पेज पर…
गोवर्धनधारी विग्रहः क्रूर-ग्रह शांति
भगवान का गोवर्धनधारी विग्रह क्रूर ग्रहों की बाधा को शांत करने वाला माना गया है. श्रीकृष्ण का ऐसा स्वरूप जिसमें वह एक छोटी अंगुली से गोवर्धन पर्वत उठाये हुये दीखते हैं. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को लाल रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप-दीप-पुष्प आदि चढ़ाकर, पीले पुष्पों का हार प्रदान करें. प्रसाद में मिसरी अर्पित करें. लाल रंग के आसन पर बैठकर चन्दन की माला से मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ ऐं कलौं क्लीं कृष्णाय नम:
कृष्णमंत्र जाप के बाद भगवान् को गंगाजल के छीटे दें.
शीघ्र विवाह, प्रेम विवाह, विवाह में सफलता के लिए किस विग्रह का करें ध्यान, किस कृष्णमंत्र का करें जप.
राधानाथ विग्रहः शीघ्र विवाह व प्रेम विवाह के लिए
भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा स्वरूप जिसमें राधाजी और कृष्णजी का प्रेममय झांकी स्वरुप दीखता है ऐसे स्वरूप का ध्यान करें. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को गुलाबी रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप-दीप-पुष्प आदि चढ़ाकर, इत्र सुगंधी प्रदान करें. प्रसाद में मिठाई अर्पित करें. गुलाबी रंग के आसन पर बैठकर चन्दन की माला से मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ हुं ह्रीं सः कृष्णाय नम:
मंत्र जाप के बाद भगवान को शहद के छीटे दें.
रक्षा गोपाल विग्रहः मुकदमों व सरकारी कार्यों में सफलता देने वाला
भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा स्वरूप जिसमें वह द्रोपदी के चीरहरण पर उनकी साड़ी के वस्त्र को बढ़ाते हुए दीखते हैं. ऐसे स्वरूप का ध्यान करें. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को मिश्रित रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप दीप पुष्प आदि चढ़ाकर मीठे पान का बीड़ा प्रदान करें. प्रसाद में माखन-मिसरी अर्पित करें. मिश्रित रंग के आसन पर बैठकर चन्दन की माला से श्री कृष्ण मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ कलौं कलौं ह्रौं कृष्णाय नम:
श्री कृष्ण मंत्र जाप के बाद भगवान् को दही के छीटे दें.
भक्तवत्सल विग्रह- भयनाशक, दुर्घटनानाशक
भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा स्वरूप जिसमें वह अपने सखा और भक्त सुदामा के चरण पखारते हैं या महाभारत के युद्ध में रथ का पहिया हाथों में उठाए क्रोधित कृष्ण के स्वरुप का ध्यान करें. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को भूरे रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप दीप पुष्प आदि चढ़ाकर, एक शंख प्रदान करें. प्रसाद में फल अर्पित करें. भूरे रंग के आसन पर बैठ कर चन्दन की माला से श्री कृष्ण मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ हुं कृष्णाय नम:
मंत्र जाप के बाद भगवान् को पंचामृत के छीटे दें.
योगीश्वर कृष्ण विग्रह- प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए
भगवान श्रीकृष्ण का ऐसा स्वरूप जिसमें वह एक रथ पर अर्जुन को गीता का उपदेश करते हैं ऐसे स्वरूप का ध्यान करें. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को पीले रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप दीप पुष्प आदि चढ़ाकर, पुष्प अर्पित करें. प्रसाद में मीठे पदार्थ अर्पित करें. पीले रंग के आसन पर बैठ कर चन्दन की माला से मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ ह्रौं ह्रौं ह्रौं हुं कृष्णाय नम:
मंत्र जाप के बाद भगवान् को दूध के छीटे दें.
विराट-कृष्ण विग्रहः घोर विपदाओं को टालने वाला रूप
भगवान श्री कृष्ण का ऐसा स्वरूप जिसमें वह कुरुक्षेत्र में अर्जुन को विराट दर्शन देते हैं जिसे संजय सहित वेदव्यास व देवताओं नें देखा, ऐसे स्वरुप का ध्यान करें. भगवान के ऐसे चित्र या मूर्ति को लाल व पीले रंग के गोटेदार वस्त्र पर स्थापित करें. धूप दीप पुष्प आदि चढ़ाकर, तुलसी दल प्रदान करें. प्रसाद में हलवा बना कर अर्पित करें. पीले या लाल रंग के आसन पर बैठ कर चन्दन की माला से मंत्र का जाप करें.
मंत्र- ॐ तत स्वरूपाय कृष्णाय नम:
मंत्र जाप के बाद भगवान् को पंचामृत के छीटे दें.
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