मिशन परिवार विकास अभियान: छह सितंबर से दंपत्ति संपर्क सप्ताह, मिलेगी परिवार नियोजन की जानकारी
13 से 25 सितंबर तक परिवार नियोजन पखवाड़ा का होगा आयोजन:
पीएचसी व सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर गर्भनिरोधक सुई अंतरा सेवा होगा उपलब्ध:
बंध्याकरण तथा पुरुष नसबंदी के लिए अनिवार्य रूप से मौजूद होंगे विशेषज्ञ सर्जन:
अभियान के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने का विशेष निर्देश:
राज्य स्वास्थ्य समिति के ईडी ने डीएम तथा सिविल सर्जन को भेजा पत्र:
श्रीनारद मीडिया, गया, (बिहार):
जिला में 06 सितंबर से 25 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान आयोजित किया जायेगा। अभियान के सफल संचालन के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को आवश्यक निर्देश दिये हैं। पत्र के माध्यम से दिये गये निर्देश में कहा गया है कि मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन कर छह सितंबर से 12 सितंबर तक दंपत्ति संपर्क सप्ताह तथा 13 सितंबर से 25 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन किया जाये। निर्देश में अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित किये जाने के लिए कहा गया है। अभियान के दौरान इन गतिविधियों को कोविड 19 महामारी के दौरान सामाजिक दूरी मापदंडों तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार तथा बिहार सरकार के नवीनतम दिशा—निर्देशों का कड़ाई से पालन करना है।
स्वास्थ संस्थानों सहित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आदि में भी आयोजन:
मिशन परिवार विकास अभियान का आयोजन सभी स्वास्थ संस्थानों सहित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आदि में भी आयोजित किया जायेगा। अभियान को चार चरणों में बांटा गया है। इनमें एक सितंबर से चार सिंतबर तक मिशन परिवार विकास अभियान के लिए पूर्व योजना, दंपति संपर्क सप्ताह, परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा, परिवार नियोजन दिवस आदि शामिल हैं।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में होगी स्वास्थ्य विभाग की बैठक:
निर्देश के मुताबिक अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य संबंधित विभाग के जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करनी है। इसी तरह प्रखंड स्तर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में यह बैठक होनी है। साथ ही प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन कर मिशन परिवार विकास अभियान के दौरान इच्छुक तथा योग्य दंपतियों को परिवार कल्याण के अस्थाई एवं स्थाई उपाय अपनाने के लिए उत्प्रेरित किया जा सके। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर सभी एएनएम तथा आशा को पखवाड़ा संबंधित जानकारी तथा उनके द्वारा गर्भनिरोधक का वितरण किया जाना है।
बंध्याकरण व नसबंदी के लिए मौजूद होंगे विशेषज्ञ सर्जन:
सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर महिला बंध्याकरण के लिए एक एपैनेल्ड सर्जन तथा पुरुष नसबंदी सेवा सुनिश्चित करने के लिए एनएसवी सर्जन अनिवार्य रूप से मौजूद रहना है। साथ ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार बंध्याकरण तथा नसबंदी के गुणवत्तापूर्ण सेवा के तहत प्री ऑपरेटिव तथा पोस्ट ऑपरेटिव केयर के लिए मेडिकल टीम गठित करते हुए नि:शुल्क सेवा सुनिश्चित की जानी है।
स्वास्थ्य ईकाइयों पर गर्भनिरोधक सुई अंतरा सेवा होगा उपलब्ध:
गर्भनिरोधक सुई अंतरा सेवा की उपलब्धता के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ साथ शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र तक के सभी स्वास्थ्य ईकाइयों पर होना है। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा का आयोजन करेंगे और आमजन में जागरूकता लाने के लिए प्रचार प्रसार के अंतर्गत सही उम्र में शादी, शादी के कम से कम दो साल के बाद पहला बच्चा, दो बच्चों में कम से कम तीन साल का अंतर, प्रसव के पश्चात, गर्भपात पश्चात परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी उपाय, परिवार कल्याण ऑपरेशन में पुरुषों की भागीदारी पर जोर दिया जाना है। साथ ही परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत उपलब्ध अस्थायी एवं स्थायी उपायों के बारे में भी आमजन को जानकारी देनी है।