बिहार की राजनीति में जल्द दिखेगी नई पार्टी,कई पार्टीयो का अनुभव हैं इनके पास
श्रीनारद मीडिया,रोहित मिश्रा,स्टेट डेस्क
बिहार की राजनीति में जल्द ही एक और नए राजनीतिक दल का आगमन होने जा रहा है। इस पार्टी का असर कुशवाहा जाति के वोट बैंक पर पड़ सकता है। बिहार की राजनीति पर समेकित रूप से इसका क्या और कितना असर पड़ेगा, इसका पता आगे चलेगा। पार्टी की स्थापना के लिए पहल करने वाले नेता राज्य में सक्रिय तकरीबन हर दल में इंट्री लेकर बाहर हो चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री और शहीद जगदेव सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागमणि अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा 30 सितंबर को राजधानी पटना में राष्ट्रीय कुशवाहा सम्मेलन में करेंगे। नागमणि ने शनिवार को बताया कि नई पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज दल होगा। वहीं पांच सितंबर को बिहार व झारखंड के सभी जिला व प्रखंड मुख्यालयों में जगदेव प्रसाद की पुण्यतिथि मनाई जाएगी।
भाजपा से राजद तक हर दल के साथ काम कर चुके हैं नागमणि
नागमणि बिहार के एक ऐसे नेता हैं, जो राज्य के तकरीबन हर दल के साथ काम कर चुके हैं। वह अपने पिता जगदेव प्रसाद की स्थापित की गई पार्टी शोषित समाज दल से राजनीतिक करियर की शुरुआत करते हुए राष्ट्रीय जनता दल में आए। बाद में अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (लोकतांत्रिक) बनाकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बने। यह पार्टी बाद में भाजपा में ही मर्ज हो गई।
केंद्र से भाजपा की सरकार जाने के बाद नागमणि राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा में चले गए। इसके थोड़े दिन बाद वे जनता दल यूनाइटेड में चले आए। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, फिर झारखंड में सक्रिय आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन पार्टी की सदस्यता भी थोड़े-थोड़े दिनों के लिए ली। आगे चलकर उन्होंने समरस समाज पार्टी बनाई, जिसका विलय बाद में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में हो गया। रालोसपा का साथ छूटने पर उन्होंने दोबारा जदयू ज्वाइन की, लेकिन वहां कुछ ही महीने रहे।
जगदेव पथ में होगा नई पार्टी के गठन का औपचारिक फैसला
नागमणि ने बताया कि बिहार व झारखंड के प्रमुख नेताओं, समाजसेवियों और कार्यकर्ताओं के अलावा सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक सोमवार को जगदेव पथ स्थित घुंघट हाल में बुलाई गई है। इसमें नई पार्टी के गठन पर फैसला लिया जाएगा। 30 सितंबर को कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए गांधी मैदानमें कुशवाहा महाशक्ति सम्मेलन का आयोजन होगा। यदि सरकार व प्रशासन ने गांधी मैदान उपलब्ध नहीं कराया तो वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। मौके पर मनोरंजन कुशवाहा, अमरेंद्र वर्मा, राकेश सिंह कुशवाहा, राजन सिंह, धर्मेंद्र कुमार सागर, अरुण ठाकुर समेत अन्य नेता मौजूद थे।