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बिहार में जेडीयू नेता की स्कॉर्पियो चोरी, भाजपा सांसद के बेटे पर आरोप.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सारण जिले के जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह के घर से चोरी हुई स्कॉर्पियो को पुलिस ने कर्नाटक की एक एजेंसी से बरामद किया है। इस गाड़ी का इस्तेमाल करने का आरोप महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल के बेटे पर लगा है, जिसे सांसद ने सिरे से खारिज कर दिया है। वहीं सारण के एसपी संतोष कुमार ने गाड़ी की कर्नाटक से बरामदगी की पुष्टि की है, लेकिन सांसद के बेटे पर लगे आरोपों के बारे में फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि छानबीन के बाद ही सही जानकारी दी जाएगी।

पुलिस ने जैसे ही गाड़ी बरामद कर इस मामले का पर्दाफाश किया, सियासी गलियारे में चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। विधानसभा चुनाव लड़ने वाले जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह ने पिछले महीने 22 अगस्त को सारण जिले के मशरक थाना में गाड़ी चोरी की एफआईआर करायी थी। मशरक थाना क्षेत्र के गोपालवाड़ी गांव स्थित उनके आवास से 20 लाख से ज्यादा रुपये की स्कॉर्पियो गाड़ी, जिसका नंबर बीआर 04 पीए 5356, की चोरी की एफआईआर में अज्ञात लोगों को आरोपित किया गया था। केस की जांच की जिम्मेदारी एसआई अरुण प्रकाश को सौंपी गई।

जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि बीजेपी सांसद के बेटे इस गाड़ी की सवारी कर रहे हैं। जांच जैसे ही आगे बढ़ी तो यह भी खुलासा हुआ कि यह गाड़ी बिहार में नहीं बल्कि कर्नाटक में है। पुलिस ने जब लोकेशन खंगाला तो पता चला कि बेंगलुरु के जयनगर थाना क्षेत्र के राजाजी नगर में चोरी गई स्कॉर्पियो है। यह गाड़ी जेडीयू नेता कामेश्वर सिंह के बेटे संजय सिंह के नाम से है। जब गाड़ी के कर्नाटक में होने की सूचना मिली तो संजय भी खुद मशरक पुलिस के साथ से गाड़ी लेने गए।

मशरक पुलिस जब विजयनगर थाना क्षेत्र के राजाजी नगर पहुंची तो स्कॉर्पियो गाड़ी डॉ सचिन कुंद्रा की एजेंसी से लावारिस हालत में मिली। पुलिस और संजय सिंह वहां से गाड़ी बरामद कर वापस छपरा लौट गए। गाड़ी अभी भी मशरक थाने में ही पड़ी हुई है। इस बीच सांसद सीग्रीवाल से उनके बेटे पर लगे आरोपों के बारे में पूछने पर इसे बेबुनियाद बताया।

उन्होंने कहा कि उनका बेटा बेंगलुरु में नहीं मैसूर में मेडिकल की पढ़ाई करता है। यह सही है कि चुनाव प्रचार के दौरान पिछले साल 17 अगस्त को कामेश्वर सिंह ने गाड़ी दी थी और अब साजिश के तहत बेबुनियाद आरोप लगाया जा रहा है। चर्चा यह भी है कि जेडीयू नेता के पास गाड़ी वापस लौटाने की बजाय कर्नाटक भेज दी गयी। गाड़ी के मामले में दोनों नेताओं के बीच की आंतरिक बातों की भी पुलिस छानबीन में जुटी है।

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