वाराणसी में कैंट से गिरजाघर चौराहे तक जाएगा प्रदेश का सबसे लम्बा रोप-वे, बनेंगे दो स्टेशन, फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार

वाराणसी में कैंट से गिरजाघर चौराहे तक जाएगा प्रदेश का सबसे लम्बा रोप-वे, बनेंगे दो स्टेशन, फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी / प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में लगातार विकास का पहिया घूम रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री की पहल पर पूर्वांचल की पहली रोप-वे परियोजना वाराणसी में साकार होती दिख रही है। प्रदेश की सबसे लंबी रोप-वे परियोजना में वैपकास कंपनी के दिए गए प्रस्ताव में भौतिक सत्यापन के बाद बदलाव किया जा रहा है। फिलहाल आंशिक बदलाव के बाद कंपनी ने सर्वे पूरा कर रिपोर्ट बना ली है। उम्मीद है कि शासन को 10 सितम्बर तक इस परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट भेज दी जाएगी।

चित्रकूट, विंध्याचल के बाद धर्म की नगरी काशी में प्रदेश के सबसे लम्बे रोप-वे की कवायद शुरू हो गयी है। यह रोप-वे कैंट स्टेशन के पास कमलापति त्रिपाठी इंटर कालेज के सामने से शुरू होकर गिरजाघर चौराहे तक जाएगा। इसमें साजन तिराहा और रथयात्रा पर दो स्टेशन भी बनाये जाएंगे। ज़मीन से 30 मीटर ऊपर यह रोप-वे बनाया जाएगा। वहीं अलग- अलग जगहों पर इसकी ऊंचाई अलग होगी। 424 करोड़ की इस परियोजना में 80 फीसदी अनुदान केंद्र सरकार और 20 फीसदी राज्य सरकार का रहेगा। उम्मीद जताई जा रही है कि वीडीए इस परियोजना का नोडल होगा। ऐसे में परियोजना को लेकर वीडीए भी अपनी तैयारी में जुटा है।

इस सम्बन्ध में कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि वैपकास कंपनी के प्रस्ताव में भौतिक सत्यापन के बाद बदलाव किया जा रहा है। गोदौलिया चौराहे पर रहने वाली भीड़ और जगह की कमी की वजह से रोप-वे को 200 मीटर पहले गिरजाघर चौराहे पर समाप्त किया जाएगा। यहां स्टेशन बनाने के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। इसमें कैंट से गोदौलिया के बीच तैयार की गई परियोजना में शुरुआती प्वाइंट कमलापति त्रिपाठी इंटर कॉलेज के सामने तय कर लिया गया है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के लिए शहर के रूट्स का सर्वे पूरा कर लिया गया है। आंशिक बदलाव की गुंजाइश है।

बता दें कि वैपकास कंपनी के प्रस्तुतीकरण के बाद भौतिक सत्यापन की जरूरत बताई गई थी। इसमें कैंट से गोदौलिया के बीच कुछ जगहों पर एलाइंमेंट में आ रही तकनीकी दिक्कत को दूर करने के लिए विकास प्राधिकरण के साथ वैपकास की टीम का सर्वे पूरा हो गया है। वैपकास और वीडीए के साझा सर्वे में परियोजना के बीच आने वाले भवनों के अधिग्रहण की संभावना है। ऐसे में कुछ चिह्नित भवनों की जानकारी जुटाई गई है। दो दर्जन भवन आंशिक रूप से इस परियोजना से प्रभावित हो सकते हैं। फिलहाल शासन की अनुमति के बाद ही भवनों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

Leave a Reply

error: Content is protected !!