एचआईवी व एड्स केवल स्वास्थ्य नहीं बल्कि हमारे समग्र विकास से जुड़ा मुद्दा: एडीएम
एचआईवी-एड्स एवं सामाजिक सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन:
जागरूकता अभियान को प्रभावी बनाने के लिये विभिन्न विभागों के बीच आपसी समन्वय का होना जरूरी:
रोग के कारण, लक्षण व प्रसार की संभावनाओं के प्रति हर स्तर पर लोगों को जागरूक करना जरूरी:
श्रीनारद मीडिया, अररिया, (बिहार):
एचआईवी एड्स एवं सामाजिक सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को किया गया। समाहरणालय स्थित डीआरडीए सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया। इसमें एचआईवी व एड्स के प्रति आम लोगों को जागरूक करने में विभिन्न सरकारी विभागों के आपसी दायित्व व जिम्मेदारियों पर विस्तृत चर्चा की गयी। साथ ही जागरूकता संबंधी कार्यक्रम को ज्यादा प्रभावी बनाते हुए इसकी रोकथाम के उपायों को मजबूती देने के उपायों पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम का उद्घाटन एडीएम अनिल ठाकुर, सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता, सीडीओ डॉ वाईपी सिंह, डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह, डीपीएम एड्स अखिलेश कुमार सिंह ने सामूहिक रूप से किया।
आम जनमानस को रोग के प्रति जागरूक करना जरूरी:
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडीएम अनिल कुमार ठाकुर ने कहा कि जागरूकता ही एचआईवी संक्रमण के मामलों को रोकने का एकमात्र तरीका है। इसलिये ये जरूरी है कि रोग के कारण, लक्षण व इसके प्रसार की संभावनाओं के प्रति आम जनमानस को जागरूक किया जाये। एचआईवी व एड्स उन्मूलन की दिशा में लगातार कठिन प्रयास किये जा रहे हैं। बहुद हद तक हम इसमें कामयाब हुए हैं। उन्होंने कहा कि एचआईवी व एड्स सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा न होकर हमारे समग्र विकास से जुड़ा मुद्दा है। इसलिये हमें हर स्तर पर इसके खतरे व इससे जुड़ी चुनौतियों के प्रति आम लोगों को जागरूक करते हुए इस पर प्रभावी नियंत्रण के उपाय करने होंगे।
रोग के प्रसार के लिये गरीबी, अशिक्षा व पलायन जिम्मेदार:
सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने कहा बीते कुछ सालों से ग्रामीण इलाकों में संक्रमण के मामले तेजी से फैल रहे हैं। गरीबी, अशिक्षा व रोजगार के लिये हो रहे पलायन को उन्होंने रोग के प्रसार का मुख्य कारण बताया। सिविल सर्जन ने कहा कि विभागीय पदाधिकारियों को सामुदायिक स्तर पर लोगों का विश्वास हासिल करना होगा। साथ ही विकास संबंधी तमाम गतिविधियों का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक पहुंचा कर हम इसके रोकथाम के उपायों को मजबूती दे सकते हैं। डीवीबीडीसीओ डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि कालाजार मरीजों को एचआईवी होने पर उनके स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं कई गुणा बढ़ जाती है। उन्हें दवा का 10 गुणा अधिक डोज का सेवन करना होता है। राजेंद्र मेमोरियल इंस्टीच्यूट पटना में ऐसे रोगियों के इलाज का खास इंतजाम है। उन्होंने बताया कि जल्द ही जिला कालाजार से पूरी तरह मुक्त हो जायेगा। पहले जहां जिले में हर साल कालाजार के 4000 मामले सामने आते थे। वहीं इस साल अब तक महज 17 मामले ही सामने आये हैं। सीडीओ डॉ वाईपी सिंह ने कहा विभिन्न सरकारी विभागों के आपसी सहयोग व समन्वय से एचआईवी एड्स पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है।
विभागीय बैठकों में हो एड्स जागरूकता पर चर्चा:
डीपीएम एड्स अखिलेख कुमार सिंह ने कहा कि जिले के विभिन्न सरकारी विभाग जागरूकता संबंधी गतिविधियों के लिये अपने यहां एक नोडल अधिकारी को प्रतिनियुक्त कर सकते हैं। विभागवार होने वाली मीटिंग व कार्यक्रम में जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन, इसे लेकर कर्मियों का जरूरी प्रशिक्षण, ग्राम सभा की बैठकों में एचआईवी संक्रमण पर परिचर्चा, स्कूल कॉलेजों में एचआईवी, एड्स विषय पर सेमिनार का आयोजन, स्कूली परीक्षाओं में एड्स पर आधारित एक सवाल पूछ कर, भारी वाहनों में जागरूकता संदेश का प्रदर्शन सहित बैनर पोस्टर के माध्यम से इसे लेकर संचालित जागरूकता संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है। कार्यक्रम में डीसीओ बालमुकुंद शर्मा, जिला कल्याण पदाधिकारी रमेश प्रसाद मंडल, जीविका के अमित सागर, यूनिसेफ के जय कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के डीटीएम डॉ अफरोज, डीसीएम रमण कुमार, वीबीडी कंस्लटेंट सुरेंद्र बाबु, केयर की डोली वर्मा सहित अन्य मौजूद थी।
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