वाराणसी में हरतालिका तीज पर मां मंगला गौरी से सुहागिन महिलाओं ने मांगा अखण्ड सौभाग्य का आशीर्वाद

वाराणसी में हरतालिका तीज पर मां मंगला गौरी से सुहागिन महिलाओं ने मांगा अखण्ड सौभाग्य का आशीर्वाद

श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

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वाराणसी / हरतालिका तीज पर कोतवाली थाना अंतर्गत पंचगंगा घाट स्थित मां मंगला गौरी के दर्शन करने के लिए भोर से ही महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है। सुहागिन महिलाओं ने माता से अखंड सुहाग का वर मांगा। आज के दिन महिलाएं मां मंगला गौरी के दर्शन पूजन के बाद शाम ढलने से पूर्व भगवान शंकर, माता पार्वती और मां की गोद में बैठे भगवान श्री गणेश की कच्ची मिट्टी की बनी मूर्ति की पूजा करेंगी।

हरतालिका तीज पर व्रती महिलाएं मां मंगला गौरी का दर्शन पूजन कर सौभाग्य का आशीर्वाद मांगने की मान्यता है। ऐसे में सुहागिन महिलाओं ने 16 शृंगार कर मंदिर जाकर मां की पूजा कर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा। सुहागिन महिलाएं सुबह से ही लंबी लाइन में लगकर माता के दर्शन के लिए पहुंच रही हैं। दर्शन पूजन देर रात तक चलता रहेगा।

 

मंदिर के आस पास एक दिन पहले से ही फूल-मालाओं, मिट्टी के भगवान शंकर-पार्वती की मूर्ति की दुकानें सज जाती हैं। मंगला गौरी मंदिर के महंत पंडित नारायण गुरु ने बताया कि मां मगंला गौरी का मंदिर काशी का उच्च शिखर है। यहां भगवान सूर्य ने तपस्या किया था और भगवान सूर्य देव द्वारा माता मंगला गौरी और कपिदेश्वर महादेव का मंदिर स्थापित किया गया।

आज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव का पूजन अर्चन किया जाता है। महिलाएं निराजल व्रत रहते हुए सोलह शृंगार कर माता का दर्शन करने आती हैं और अपने सौभाग्य व मंगल के लिए माता से कामना करती हैं। आज के दिन माता को सोलह प्रकार के शृंगार की चीजें- सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, चूनरी, लाल आलता, कंघी, शीशा, फूल चढ़ाया जाता है।

 

इस साल हरतालिका तीज पर 14 साल बाद रवियोग बन रहा है। मान्यता है कि इस शुभ संयोग में व्रत और पूजन करने से सुहागिनों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हरतालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

ज्योतिषशास्त्र में रवियोग को बेहद प्रभावशाली माना गया है। रवि योग से कई अशुभ योग निष्प्रभावी हो जाते हैं। अविवाहित कन्याएं यदि रवि योग में शिव-पार्वती का पूजन करें तो उनके विवाह में आने वाली सभी बाधाएं दूर हो जाती है तथा विवाहितों का वैवाहिक जीवन सुखमय व्यतीत होने लगता है।

यह शुभ योग 9 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से अगले दिन 10 सितंबर को 12 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। हरतालिका तीज व्रत का पूजा का अति शुभ समय शाम 5 बजकर 16 मिनट से शाम को 6 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। शुभ समय 6 बजकर 45 मिनट से 8 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

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