वाराणसी पहुंचे चिराग पासवान के अखिलेश के समर्थन में दिये बयान से सियासी कयासों का दौर शुरू
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक ट्वीट किया था, जिसमे उन्होंने लिखा था कि ‘हमने कैसा जीवन जिया, यह अहम होता है।’ उस पर पलटवार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया था कि हमने कैसा जीवन जिया यह अहम नहीं। हमारी वजह से लोगों ने कैसा जीवन जिया, ये महत्वपूर्ण है। ट्विटर पर यूपी के दो दिग्गजों की इस जंग में अब लोजपा सांसद चिराग पासवान भी कूद पड़े हैं। अखिलेश के समर्थन में दिये उनके बयान से सियासी कयासबाजियों का दौर शुरू हो गया है।
वाराणसी पहुंचे चिराग पासवान ने यहां एयरपोर्ट पर दिये अपने बयान में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का समर्थन करते दिखे। चिराग पासवान ने कहा कि यह ज्यादा जरूरी है कि लोग कितने खुश हैं और उनकी जिंदगी कितनी बेहतर हुई है। लोग संतुष्ट हैं तो आपका कार्यकाल बेहतर रहा है। यदि लोग संतुष्ट नहीं है तो जरूर प्रश्न उठता है।
लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और बिहार की जमुई लोकसभा से सांसद चिराग पासवास शुक्रवार गाजीपुर में वीर अब्दुल हमीद के शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे थे, जहां उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की वैष्णो देवी यात्रा को लेकर कहा कि चुनाव के आसपास मंदिर दर्शन होते हैं। खैर यह उनकी आस्था का विषय है, जहां उनकी आस्था हो वहां वह जाएं।
दिल्ली स्थित अपने आवास पर पिता रामविलास पासवान की मूर्ति लगाए जाने के बाद काफी विरोध का सामना करने वाले चिराग ने कहा कि वो सिर्फ मेरे पिता नहीं थे। वो मेरे नेता और आदर्श थे उनकी मूर्ति मैंने लगवाई है और ऐसा मैंने मकान कब्ज़ा करने के लिए नहीं किया है। मैं जहां रहूँगा उनकी मूर्ती लगवाउँगा और आने वाले समय में पूरे भारत में उनकी मूर्ती लगेगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष मणिशंकर पांडेय जी के नेतृत्व में हम बूथों तक पहुंच रहे हैं और पंचायतों में लगातार जनसम्पर्क कर रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारी पार्टी के कई कार्यक्रम पूरे उत्तर प्रदेश में होंगे।
वहीं मुख्तार अंसारी को बसपा से निकाले जाने पर चिराग ने कहा कि मायावती को जब जिसकी जरूरत होती है, उसे वो अपने साथ रखती हैं। बहरहाल यह उनकी पार्टी का मसला है कि किसे वह साथ रखती हैं या किसे नहीं रखती हैं।