ग्रेटर नोएडा ,जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट में रोही गांव से हटाई गई हनुमानजी की 24 फीट ऊंची मूर्ति –
श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्कः
ग्रेटर नोएडा ,जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Intertanional Airport) का काम शुरू होने के साथ रोही गांव में स्थित भगवान शिव और हनुमान के मंदिर को हटा दिया गया। भगवान भोलेनाथ और हनुमानजी की मूर्ति नए स्थान पर स्थापित कर दी है। रोही गांव (Rohi Village) के ही निवासियों ने हनुमान और भोलेनाथ की मूर्ति को बनवारी लाल बाग के पास स्थापित किया है।
15 साल पहले हुई थी स्थापित
रोही गांव के निवासी दब्बू उर्फ अजीत सिंह ने बताया कि उनके गांव के मंदिर में बहुत ही खूबसूरत भगवान हनुमानजी की मूर्ति करीब 15 साल पहले स्थापित की गई। यह मंदिर उससे भी ज्यादा समय से बना हुआ था। मंदिर में पहले भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति थी। करीब 15 साल पहले भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई।
24 फिट ऊंची है हनुमानजी की मूर्ति
डब्बू ने बताया कि उनके रोही गांव में हनुमान जी की मूर्ति की ऊंचाई 24 फिट थी। जिसको देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में रोही गांव की जमीन गई। गांव वासियों ने उत्तर प्रदेश और गौतमबुद्ध नगर के विकास के लिए अपने रोही गांव की जमीन दे दी। 10 सिंतबर को उनके रोही गांव से हनुमानजी की 24 फिट ऊंची मूर्ति हटाई गई। जिसके बाद हनुमानजी की मूर्ति को बनवारी लाल बाग के पास स्थापित किए गए छोटी रोही गांव में लगाई गई है। पूजा-पाठ के साथ हनुमानजी की मूर्ति को स्थापित किया गया है।
114 परिवार छोटी रोही गांव में बसें
उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट प्रोजेक्ट में रोही गांव के किसानों की जमीन चली गई। गांव के किसानों की जेवर में अथिथ बनवारी लाल बाग के पास जमीन है। जिसमें छोटी रोही गांव बसाया गया, इस गांव में अभी 114 परिवार रहते है। यही पर पर हनुमानजी की मूर्ति स्थापित की गई है। हनुमानजी की मूर्ति काफी आकर्षित है। जिसको देखने के लिए और मंदिर में पूजा-पाठ करने के लिए रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु आते है।
11,510 पेड़ों को हटाया जाएगा
आपको बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए पेड़ों को कई चरणों में हटाया जाएगा। इन पेड़ों की मैपिंग का काम शुरू हो गया है। इसके बाद इन्हें हटाने का अभियान शुरू किया जाएगा। गौतमबुद्ध नगर वन विभाग पहले ही एयरपोर्ट की अधिग्रहित जमीन से 11510 पेड़ों को हटाने की अनुमति दे चुका है। हालांकि पहले चरण में सिर्फ उन्हीं वृक्षों को हटाया जाएगा, जो निर्माण कार्य के लिहाज से जरूरी होंगे या जिन से उड़ानों पर असर पड़ेगा। अन्य पेड़ों को चरणबद्ध तरीके से बाद में हटाया जाएगा।
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