असदुद्दीन ओवैसी के बयान से गर्माने लगी बिहार की राजनीति
श्रीनारद मीडिया,स्टेट डेस्क
सीमांचल में घुसपैठ को लेकर अलर्ट पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि ‘सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों में अगर अवैध घुसपैठियों एवं संदेहास्पद व्यक्तियों की जानकारी हो तो प्रशासन को सूचित करें।’ इसके लिए बकायदा पत्र भी जारी हुआ। इसी को आधार बनाते हुए एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिहार में चोर दरवाजे से एनआरसी की एंट्री हो रही है। औवेसी के बयान के बाद उनकी पार्टी से बयानबाजी तेज हो गई है।
प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमान ने कहा कि सीमांचल में शांति भंग करने का प्रयास दशकों से चल रहा है। किसी विशेष क्षेत्र को चिन्हित कर यह फरमान जारी किया गया है। खासकर कई जगह बांग्लादेशी के लिए यह जारी करना एनआरसी की ओर कदम बढ़ाना है। गौरतलब हो कि औवेसी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘बिहार सरकार चोर-दरवाजे से बिहार में NRC लागू कर रही है। अधिकारी आम लोगों से कह रहे हैं कि वो आस-पास रहने वाले ‘विदेशी नागरिक’ और “अवैध प्रवासियो” की सूचना नज़दीकी पुलिस स्टेशन को दें। असम में भी ऐसे ही कानूनी कार्रवाई का दुरूपयोग बड़े पैमाने पर हुए हैं।
उन्होंने आगे लिखा, ‘कई बा-इज्जत भारतीयों पर झूठे मुक़दमे दर्ज किए जा चुके हैं जिससे लोगों को बहुत ही ज़्यादा मुश्किलात का सामना करना पड़ा है। संघ परिवार के लोग कई सालों से इस झूठ को फैला रहे हैं कि सीमांचल के गय्यूर अवाम घुसपैठिए हैं, इस बात में ज़रा भी सच्चाई नहीं है। फिर भी इस झूठ की बुनियाद पर कई तंज़ीमें एक मंसूबा-बंद तरीक़े से बिहारियों और ख़ास कर सीमांचल के लोगों की शहरियत को निशाना बनाएंगे। नीतीश कुमार ने चुनाव के दौरान कहा था कि “कोई किसी को देश के बाहर नहीं करेगा, सब भारत के हैं” तो फिर चोर-दरवाज़े वाला NRC क्यों लागू किया जा रहा है?
ओवैसी ने लिखा, ‘याद रखिये! ऐसी नीति सिर्फ और सिर्फ समाज में मतभेद, शक और दुश्मनी फैलाने की वजह बनेगी। समाज में अमन को मज़बूत करने के बजाय सरकार उसे कमज़ोर करने में लगी है।’ बता दें कि औवेसी के बयान के बाद किशनगंज में पार्टी विधायक भी गोलबंद होकर समर्थन में बयानबाजी कर रहे हैं। वहीं जिस लेटर को औवेसी ने ट्वीट किया है तो उसके बारे में जानकारी मुताबिक पटना हाईकोर्ट ने 18 अगस्त को दिए अपने आदेश में बिहार सरकार से अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर जागरुकता लाने के लिए कहा था।
ये रहा वो पत्र
कोर्ट ने बिहार सरकार को स्थायी हिरासत केंद्र बनाने की योजना पेश करने के लिए भी आदेश दिए। इसके बाद ही 3 सितंबर को किशनगंज जिला पदाधिकारी द्वारा अवैध प्रवासियों के खिलाफ व्यापक पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने का आदेश जारी किया था। साथ ही लोगों से अवैध घुसपैठियों की सूचना पुलिस को देने की बात कही गई। अब ये मामला तूल पकड़ रहा है।