उत्तर प्रदेश के दो एडीसीपी पर कार्रवाई, सांसद अतुल राय दुष्कर्म मामले में जांच में लापरवाही पर विभागीय जांच के आदेश
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
लखनऊ वाराणसी / घोसी सांसद अतुल राय पर वाराणसी में एक युवती ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई से परेशान होकर पीड़िता और उसके साथी, इस मामले के गवाह सत्यम प्रकाश ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आगे आत्मदाह का प्रयास किया था। गंभीर रूप में एडमिट दोनों का इलाज के दौरान देहांत हो गया था। आत्मदाह के प्रयास के पहले दोनों ने लाइव वीडियो फेसबुक पर डालकर पुलिस अधिकारियों और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए थे।
दुष्कर्म पीड़िता और उसके गवाह के आत्मदाह के बाद प्रदेश सरकार ने प्रकरण की जांच पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड डॉ. आरके विश्वकर्मा और एडीजी महिला सुरक्षा एवं बाल सुरक्षा संगठन नीरा रावत को सौंपी थी। दोनों वरिष्ठ अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार ने पहले पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया। उसके बाद अब पीपीएस अफसरों पर कार्रवाई की शुरूआत की है।
इसी कर्रवाई की ज़द में अब UP के दो ADCP भी आ गए हैं। वाराणसी के तत्कालीन एसपी सिटी और एडीसीपी काशी ज़ोन विकास चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गयी है वहीं वाराणसी के तत्कालीन ADCP वरुणा ज़ोन विनय कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 15 दिन में जवाब माँगा गया है। इस समय विकास चंद्र त्रिपाठी लखनऊ पुलिस मुख्यालय में एडिशनल एसपी के पद पर तैनात हैं, जबकि विनय कुमार वाराणसी में ही ADCP प्रोटोकॉल के पद पर हैं।
प्रदेश सरकार के इस रुख को देखते हुए माना जा रहा है कि जल्द ही वाराणसी के कैंट व भेलूपुर सर्किल के तत्कालीन CO और अन्य उच्चाधिकारी भी कार्रवाई के घेरे में आएंगे।
तत्कालीन ADCP काशी ज़ोन विकास चंद्र त्रिपाठी पर अतुल राय और उनके करीबियों के खिलाफ रेप पीड़िता और उसके गवाह द्वारा की गई शिकायतों की जांच की सही से मॉनिटरिंग न करने का आरोप है। वहीं ADCP प्रोटोकॉल विनय कुमार सिंह पर रेप पीड़िता और उसके गवाह के खिलाफ अतुल राय के भाई द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे की विवेचना की मॉनिटरिंग सही से न करने का आरोप है।