Breaking

दिसम्बर तक बिहार होगा कालाजार से मुक्त: डॉ. अंजनी

दिसम्बर तक बिहार होगा कालाजार से मुक्त: डॉ. अंजनी

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

• 2014 के बाद प्रति वर्ष कालाजार मरीजों में लगभग 40 फ़ीसदी की आई है कमी

• वेक्टर बोर्न डिजीज पर चल रहे समीक्षा बैठक का हुआ समापन

श्रीनारद मीडिया‚ पंकज मिश्रा‚ छपरा (बिहार)

छपरा: वेक्टर बोर्न डिजीज पर आयोजित दो दिवसीय समीक्षा बैठक का समापन बुधवार हो हुआ। समीक्षा बैठक के प्रथम दिन जहाँ फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा की गयी। वहीं बैठक के दूसरे दिन कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम पर विस्तार से चर्चा हुयी। बैठक में राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम, भारत सरकार, के अपर निदेशक एवं संयुक्त निदेशक के साथ जिलों के वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल विभाग के अधिकारी सम्मलित हुए। इस दौरान बिहार में कालाजार कार्यक्रम की वर्तमान स्थिति एवं इसके उन्मूलन को लेकर रणनीति पर चर्चा की गयी।

बैठक में राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम, भारत सरकार, के अपर निदेशक डॉ. नुपुर रॉय ने कालाजार उन्मूलन में बिहार के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि ऐसे प्रखण्ड जो कालाजार से मुक्त हो गए हैं, वहाँ भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। नए मामले की सही समय पर पहचान करना आवश्यक है। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में आईआरएस की गुणवत्ता पूर्ण छिड़काव, ऐसे क्षेत्रों की नियमित मॉनिटरिंग, सर्विलांस तथा सर्वे भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कालाजार मरीजों की पहचान करने एवं उन्हें चिकित्सकीय सेवा प्रदान के दौरान भी काफ़ी सतर्कता की जरूरत है। यह सुनिश्चित कराना जरूरी है कि कालाजार मरीज का ईलाज प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा ही हो। उन्होंने कालाजार उन्मूलन की दिशा में वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल समन्वयक के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इनके सहयोग से कालाजार उन्मूलन के लक्ष्यों को हासिल करने में काफ़ी मदद मिली है। उन्होंने फाइलेरिया एवं कालाजार कार्यक्रम से जुड़े सहयोगी संस्थानों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर जरूरी निर्देश भी दिए।

वेक्टर बोर्न डिजीज कण्ट्रोल प्रोग्राम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अंजनी कुमार सिंह ने कहा विगत 7 सालों में कालाजार के मामलों में काफ़ी कमी आयी है। वर्ष 2014 में बिहार के 33 जिलों के 130 प्रखंड कालाजार एंडेमिक थे। वहीं, अब 2021 में राज्य में कोई भी प्रखंड एंडेमिक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सारण के 3 प्रखंड एवं सीवान का 1 प्रखंड अभी भी कालाजार से मुक्त नहीं हो सके हैं। यद्यपि, अभी बिहार के 31 जिले के 126 प्रखंडों में कालाजार के जीरो केस हैं। उन्होंने बताया कि 2014 में राज्य में कालाजार के 8028 मरीज थे, जो 2020 में घटकर 1498 हो गए। वहीं अगस्त, 2021 तक अभी बिहार में केवल 644 मरीज ही मिले हैं। इस तरह बिहार में प्रति वर्ष लगभग 40 फ़ीसदी कालाजार मरीजों में कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि 2014 में बिहार में 228 गाँव कालाजार के हॉट स्पॉट थे जो अब अगस्त 2021 में घटकर 5 हो गए हैं। कालाजार उन्मूलन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के कारण बिहार दिसम्बर, 2021 तक कालाजार से मुक्त हो जाएगा।
इस दौरान केयर इंडिया, विश्व स्वास्थ्य संगठन, पीसीआई, जीएचएस, चाई एवं लेप्रा जैसे सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि ने कालाजार उन्मूलन को लेकर उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों पर पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा जानकारी दी।

यह भी पढ़े

देश में हर रोज दुष्‍कर्म के 77 केस, प्रतिदिन 80 हत्याएं-राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो.

क्या प्रतिदिन औसतन 65 लाख टीके लगाए जा रहे?

उम्रकैद मतलब आजीवन कठोर कारावास-सुप्रीम कोर्ट.

पिछले 24 घंटे में कोरोना के 27176 मामले दर्ज किए गए हैं और 284 मौतें हुई हैं।

Leave a Reply

error: Content is protected !!