गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर नयी कैबिनेट बनी है.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
गुजरात (Gujarat News) विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मुख्यमंत्री बदला, तो प्रदेश में पूरी सरकार ही बदल गयी. सरकार का चेहरा और शक्ल दोनों बदल गयी. विजय रूपाणी (Vijay Rupani) मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों की सरकार से छुट्टी कर दी गयी.
गुजरात के नये मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) ने 2022 के विधानसभा चुनाव (Gujarat Vidhan Sabha Chunav 2022) को ध्यान में रखकर अपनी नयी कैबिनेट बनायी है. इसमें पुराने सभी मंत्रियों को हटाकर 24 नये चेहरों (Gujarat New Mantrimandal) को शामिल किया गया है. यहां तक कि पटेल समाज के कद्दावर नेता और डिप्टी चीफ मिनिस्टर रहे नितिन पटेल (Nitin Patel) को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
भूपेंद्र पटेल ने अपनी कैबिनेट में जिन लोगों को शामिल किया है, उनमें से 6 विधायक पटेल समुदाय से आते हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आदिवासी समाज से 4-4 विधायकों को सरकार में जगह दी गयी है, जबकि क्षत्रिय और दलित समाज से 3-3 लोगों को मंत्री बनाया गया है. ब्राह्मण समाज के 2 और जैन समाज से एक विधायक को भूपेंद्र पटेल ने अपने मंत्रिमंडल में जगह दी है.
ज्ञात हो कि गुजरात में पाटीदार समाज बहुत प्रभावशाली वोट बैंक है और वह किसी भी चुनाव के परिणाम की दशा और दिशा दोनों तय करता है. यही वजह है कि विधानसभा चुनाव से करीब डेढ़ साल पहले ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री बदल दिया. विजय रूपाणी को हटाकर पहली बार विधायक बने भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया गया. मंत्रिमंडल के 22 सदस्यों की नाराजगी के बावजूद पूरी की पूरी सरकार गुजरात में बदल गयी.
नयी सरकार में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए तीन नेताओं कृति सिंह झाला, राघव पटेल और बृजेश मेरजा को भी मंत्री बनाया गया है. दो महिला विधायकों को भी मंत्री बनाया गया है. भूपेंद्र पटेल की कैबिनेट में सबसे ज्यादा पटेल समाज के विधायकों को जगह दी गयी है.
भूपेंद्र पटेल की सरकार में सभी जातियों की भागीदारी सुनिश्चित की गयी है. पटेल समुदाय के साथ-साथ आदिवासियों को भी मंत्रिमंडल की अच्छी-खासी भागीदारी मिली है. विजय रूपाणी की कैबिनेट में दो आदिवासी मंत्री थे, जबकि भूपेंद्र पटेल ने अपनी सरकार में 6 पाटीदारों को मंत्री बनाया, तो 4 आदिवासियों को मंत्रिमंडल में जगह दी है.
अच्छी बात यह है कि भूपेंद्र पटेल सरकार की कैबिनेट के मंत्रियों ने शपथ ले लिया. राजभवन में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने 24 नये मंत्रियों को शपथ दिलायी.
स्पीकर भी बदला
गुजरात में मुख्यमंत्री के साथ-साथ विधानसभा का अध्यक्ष (स्पीकर) भी बदल गया है. जी हां, स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी की जगह नीमा आचार्य को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
कुल 24 मंत्रियों ने ली शपथ
नये मंत्रिमंडल में जिन 24 मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें 10 कैबिनेट और 14 राज्य मंत्री हैं. गुजरात विधानसभा का स्पीकर तक बदल दिया गया है. स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी को भूपेंद्र पटेल ने मंत्री बनाया है. राजेंद्र त्रिवेदी ने भी अन्य मंत्रियों के साथ शपथ ली.
कैबिनेट मंत्री और उनके विभाग
- राजेंद्र त्रिवेदी – राजस्व एवं विधि विभाग
- जीतू वाघानी – शिक्षा विभाग
- पूर्णेश मोदी – सड़क एवं भवन निर्माण विभाग
- प्रदीप सिंह परमार – सामाजिक न्याय विभाग
- अर्जुन सिंह चव्हाण – ग्रामीण विकास विभाग
- कनुभाई देसाई – वित्त एवं पेट्रोकेमिकल्स विभाग
- नरेश पटेल – जाति विकास मंत्रालय
- किरीट सिंह राणा – वन, पर्यावरण एवं क्लाइमेट चेंज विभाग
- राघवजी पटेल – कृषि, पशुपालन एवं गौ संवर्द्धन विभाग
- ऋषिकेश पटेल – आरोग्य एवं परिवार कल्याण विभाग
राज्यमंत्री और उनके विभाग
- बृजेश मेरजा – श्रम, रोजगार एवं पंचायत (स्वतंत्र प्रभार)
- निमीषा वकील – महिला एवं बाल कल्याण (स्वतंत्र प्रभार)
- अरविंद रैयाणी – वाहन व्यवहार, नागरिक उड्डयन एवं यात्रा धाम विकास
- जगदीश भाई पांचाल – कुटीर उद्योग एवं नमक उद्योग (स्वतंत्र प्रभार)
- हर्ष सांघवी – गृह मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
- जीतू भाई चौधरी –
- निमिषा बेन सुतार – जाति विकास, आरोग्य एवं परिवार कल्याण
- कुबेर डिंडोर –
- कीर्ति सिंह वाघेला – प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण
- गजेंद्र सिंह परमार – खाद्य एवं ग्राहक सुरक्षा
- देवा भाई मालम – पशुपालन एवं गौ संवर्धन
- राघवजी मकवाना – सामाजिक न्याय
- विनोद भाई मोराडिया – शहरी विकास एवं शहरी गृह निर्माण
- मुकेश पटेल – कृषि, ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल्स
15 महीने बाद गुजरात में विधानसभा चुनाव
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए दिसंबर 2022 में चुनाव होने हैं. बीजेपी ने पुराने मंत्रियों को हटाकर सरकार की नयी छवि पेश करने की रणनीति पर काम किया है. हाईकमान को उम्मीद है कि सरकार का चेहरा बदलने से पुराने नेताओं और मंत्रियों की नाराजगी कुछ दिन में दूर हो जायेगी और अगले साल जब चुनाव होंगे, तो सभी नेता मिलकर काम करेंगे और भूपेंद्र पटेल की सरकार को जितायेंगे, जैसे विजय रुपाणी को जिताने के लिए सभी नेताओं ने मिलकर वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में किया था.
गुजरात में दिल्ली का निकाय चुनाव फॉर्मूला
बीजेपी ने दिल्ली के निकाय चुनाव फॉर्मूला को गुजरात में भी अपनाया है. वर्ष 2017 में जब दिल्ली में नगर निगम के चुनाव हुए थे, तब बीजेपी ने सभी पार्षदों के टिकट काटकर नये उम्मीदवार उतारे थे. उसकी यह रणनीति सफल भी रही. सत्ताविरोधी लहर के बावजूद अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली निगम चुनाव में बीजेपी को नहीं हरा पायी थी. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को गुजरात में भी इस प्रयोग के सफल होने की उम्मीद है.
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