फाइलेरिया की रोकथाम के लिए एल्बेंडाजोल व डीईसी का कराया जायेगा सेवन
डीएम की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की हुई समीक्षा बैठक:
988 आशा, 107 आंगनबाड़ी सेविकाएं तथा 54 सुपरवाइजर अभियान में शामिल:
श्रीनारद मीडिया, जहानाबाद, (बिहार):
जिला में कोविड टीकाकरण अभियान के साथ साथ फाइलेरिया की रोकथाम के लिए भी मास ड्रग एडमिन्सिट्रेशन के तहत दवाई सेवन कराने का काम किया जायेगा. मास ड्रग एडमिन्स्ट्रिेशन के तहत 20 सितंबर से एल्बेंडाजोल व डीईसी की दवा सेवन कराने का काम किया जायेगा. इसे लेकर बुधवार को जिलाधिकारी हिमांशु कुमार राय की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों की मौजूदगी में समीक्षा मीटिंग की गयी. इस मौके पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ब्रज कुमार ने जिला में प्रारंभ होने वाले फाइलेरिया उन्मूलन के तहत मास ड्रग एडमिन्सिट्रेशन अभियान की जानकारी दी.
निगरानी में कराया जायेगा दवा का सेवन:
जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन सहित सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोविड टीकाकरण के साथ साथ फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आवश्यक अभियान का अनुश्रवण करें तथा फाइलेरिया के मामले बढ़े नहीं इसका विशेष ध्यान रखने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की निगरानी में दवाई का सेवन कराया जाये.
उम्र के मुताबिक दी जाएगी दवा:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया मास ड्रग अभियान के तहत जिला के फाइलेरिया प्रभावित प्रखंडों में दवा सेवन का काम किया जायेगा. जिला में दो प्रखंड काको तथा रतनी फरीदपुर सबसे अधिक प्रभावित हैं. इस अभियान के दौरान अल्बेंडाजोल तथा डीइसी की खुराक दी जायेगी. खुराक देने के दौरान यह ध्यान रखना है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों के अलावा यह दवा सभी को खानी है. यह दवा उम्र के आधार पर दी जायेगी. दवा खाली पेट नहीं खानी है. दवा स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही खाना है. दवा खाने के बाद यदि कोई प्रतिक्रिया होती है तो घबरायें नहीं क्योंकि मरते हुए परजीवियों के प्रतिक्रिया स्वरूप कभी कभी सिरदर्द शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी, तथा बदन पर चकते एवं खुजली जैसे मामूली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं. आमतौर पर ये लक्षण स्वत: समाप्त हो जात हैं. विशेष परिस्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क किया जा सकता है.
डीवीबीडीओ कंसल्टेंट निशिकांत कुमार ने बताया एमडीए के दौरान डीईसी व अल्बेंडाजोल दिये जाने से माइक्रोफाइलेरिया जल्दी खत्म करने में मदद मिलती है. इसके प्रयोग से पटे के अन्य खतरनाक परजीवी मर जाते हैं. उन्होंने बताया आशा तथा आंगनबाड़ी सेविकाओं की मदद से जिला के प्रभावित क्षेत्रों में सभी घरों की सूची तैयार किये जाने का काम किया गया है. घर घर जाकर वे परिवार के सदस्यों को फाइलेरिया रोग होने की परेशानियों के बारे में जानकारी देकर दवा सेवन के लिए जागरूक कर रही हैं. उन्होंने बताया इस बार के एमडीए कार्यक्र्म में बदलाव आया है. यह तीन दिन के बजाये 14 दिनों तक कार्य होंगे. दो आशा मिलकर एक टीम बनायेंंगी और काम करेंगी. सुपरवाइजर क्षेत्र का पर्यवेश्रण कर इसकी रोग रिपोर्ट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को देंगे. जिला के जहानाबाद सदर तथा शहरी क्षेत्र सहित सभी छह प्रखंडों जिनमें हुलासगंज, रतनी फरीदपुर, काको, मोदनगंज, घोसी, मखदूमपुर प्रखंडों में एमडीए अभियान चलाया जाना है. जिला में इस अभियान के लिए 548 टीम तैयार की गयी है. अभियान में 988 आशाओं तथा 107 आंगनबाड़ी सेविकाएं तथा 54 सुपरवाइजर शामिल रहेंगे. अभियान के दौरान 2.5 लाख से अधिक घरों को कवर किया जायेगा.
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