26/11 फिर से दोहराने की साजिश इस तरह हुई नाकाम.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
आपने ‘द फैमिली मैन’ वेब सीरीज देखी है तो उसके एक किरदार ‘कर्नल समीर’ को याद कीजिए। कैसे वो अपने फिदायिनी के जरिये भारत के खिलाफ मिशन जुल्फिकार प्लान करता है। वहीं टीएएससी (TASC) में काम करने वाले श्रीकांत तिवारी आईएसआई के मंसूबों को नाकाम करने के लिए हर संभव कोशिश करता है। भारत में छह संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी हुई है और इसके साथ ही इसमें कर्नल गाजी का नाम सामने आया है। बताया जा रहा है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का हैंडलर है।
आतंकी भारत में 30 सालों का सबसे बड़ा हमला करने की फिराक में थे। देश की सबसे बड़ी सिक्योरिटी बॉडी से मिली जानकारी के आधार पर आतंकी वारदात को अंजाम देने से पहले ही सभी छह संदिग्धों को दबोच लिया गया। पुलिस को जानकारी जिस नेशनल सिक्योरिटी सेक्रटेरिएट से मिली वहां रॉ और आईबी जैसी बड़ी सुरक्षा एजेंसी है और बड़े ऑपरेशन एनएसए अजीत डोभाल के निर्देश पर होते हैं। आज की कहानी में आपको बताएंगे की कैसे आईएसआई और डी कंपनी मिलकर 26/11 फिर से दोहराने की साजिश में लगा है और ISI और दाऊद के साथ ओसामा का पिताके पिता का क्या है कनेक्शन। इसके साथ ही आपको बताएंगे की भारत के जेम्स बॉन्ड यानी अजीत डोभाल कैसे हर नापाक हरकत को नाकाम कर आईएसआई और दाऊद के लिए सिर का दर्द बने हुए हैं।
12 मार्च 1993, शुक्रवार का दिन उस वक्त मुंबई शहर बॉम्बे के नाम से जाना जाता था। हवा में कुछ तल्खी पहले से थी क्योंकि 3 महीने पहले इस शहर ने दंगे का दंश झेला था। दोपहर के 1:30 हो रहे थे। शहर में 12 अलग-अलग जगह पर बम धमाके हुए। अपराधियों ने सहार इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी हैंड ग्रेनेड फेंके। मुंबई शहर ने ऐसा कत्लेआम फिल्मों में भी नहीं देखा था। मरने वाले थे 257 और घायलों की संख्या 713 थी। इन धमाकों में अंडरवर्ल्ड का नाम सामने आया था। दाऊद इब्राहिम, अनीस इब्राहिम, टाइगर मेमन सहित डी कंपनी के दर्जनों लोगों ने इन धमाकों की साजिश के लिए दुबई में कई मीटिंग्स की थीं। धमाकों के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने इन सभी को पाकिस्तान में प्रोटेक्शन दिया।
1993 के बम धमाकों के बाद देश के कई बड़े शहरों में दर्जनों बम ब्लास्ट हुए। 26/11 जैसा फिदायीन हमला हुआ, 2006 में मुंबई की ट्रेनों में बम रखे गए। इन सभी आतंकवादी हमलों में या तो लश्कर ए तैयबा का या इंडियन मुजाहिदीन के लोगों का नाम आया। एक बार फिर से आतंकी भारत में एक बड़ा हमला करने की फिराक में थे। त्योहारों से पहले धमाके की साजिश रचने वाले गिरफ्तार आतंकियों के मॉड्यूल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पकड़े गए 6 आतंकियों में ओसामा का पिता उसैदुर रहमान इस आतंकी साजिश का मास्टरमाइंड हो सकता है।
ओसामा का पिता इस वक्त दुबई में है और उसका आईएसआई से सीधा संपर्क माना जा रहा है। ओसामा का पिता मदरसा चलाता है और खजूर का कारोबार भी करता है। ओसामा का चाचा भी इस टेरर मॉड्यूल का हिस्सा है। ओसामा के चाचा का नाम हुमैद उर रहमान बताया जा रहा है। जिसकी तलाश स्पेशल सेल कर रही है। ओसामा से पूछताछ और उसके चैट से ये सारी जानकारी हाथ लगी है। स्पेशल सेल और आईबी इस मामले की पड़ताल कर रही है। ओसामा को दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार किया गया था। ये वही शख्स है जो अप्रैल में पहले मस्कट गया था और फिर आतंक की ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान गया।
क्या है आतंक का पूरा मॉड्यूल
स्पेशल सेल और आईबी की पूछताछ में जो खुलासा हुआ है उसके मुताबिक जामिया से गिरफ्तार ओसामा का पिता इस टेरर मॉड्यूल का मास्टरमाइंड है। ओसामा का पिता उसैदुर रहमान इस वक्त दुबई में है और वो वहां पर मदरसा चलाता है। वो आईएसआई से सीधा संपर्क में है। ओसामा से पूछताछ और उसके पिता के साथ मोबाइल से मिले चैट से खुलासा हुआ है। ओसामा का चाचा हुमैद उर रहमान भी इस टेरर मॉड्यूल का हिस्सा है। चाचा ने ही गिरफ्तार जीशान को रेडीक्सलाइड किया और फिर पाकिस्तान ट्रेनिंग के लिए भेजा। 22 अप्रैल को ओसामा मस्कट गया।
वहां उसे जिस फ्लैट में रखा गया, वहां जीशान नामक आरोपी पहले से मौजूद था। जल्द ही उनके साथ 15-16 बांग्लोदशी नागरिक भी जुड़ गए, फिर सभी को अलग-अलग समु्द्री रास्तों से पाकिस्तान ले जाया गया और वहां आतंकवादी ट्रेनिंग दी गई। दोनों ने बताया कि उन्हें 15 दिनों की ट्रेनिंग दी गई। इस दौरान उन्हें आईईडी असेंबल करने और बम बनाने के साथ-साथ रोजमर्रा के सामानों में छिपाकर हथियारों को एक-जगह से दूसरे जगह सावधानी से ले जाने की सीख दी गई। उन्हें एक-47 और छोटे-छोटे हथियार चलाने की भी ट्रेनिंग दी गई।
बाद में समुद्र के रास्ते उन्हें वापस मस्कट लाया गया और फिर वहां से प्लेन से वापस भारत भेजा गया। ओसामा का चाचा हुमैद उर रहमान यूपी के प्रयागराज का रहने वाला है। वो फिलहाल फरार बताया जा रहा है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापे भी मारे जा रहे हैं।
पूछताछ में ये भी खुलासा हुआ है कि टेरर और अंडरवर्ल्ड का नया मॉडल खड़ा करने की जिम्मेदारी आईएसआई के कर्नल रैंक के अफसर को दी गई है। जो ग्वादर पोर्ट के फॉर्म हाउस में ट्रेनिंद के वक्त मौजूद था। सादे कपड़ों में होने के बाद भी उसे वहां के लोग सलाम करते थे। टेरर मॉड्यूल को खड़ा करने के लिए दुबई में मौजूद ओसामा के पिता को चुना। ओसामा के पिता ने ही अपने बेटे को आतंक की ट्रेनिंग लेने के लिए पाकिस्तान भेजने का फैसला किया लेकिन एक और लड़के की जरूरत थी, लिहाजा प्रयागराज में मौजूद ओसामा के चाचा हुमैद उर रहमान को टॉस्क दिया गया।
फिर हुमैद उर रहमान ने जीशान को तलाशा और उसे तैयार किया। फिर उसे पाकिस्तान में ट्रेनिंग के लिए भेजा। अंडरवर्ल्ड के लोगों का टास्क दाऊद के भाई अनीस को कर्नल गाजी ने दिया। इस टीम की जिम्मेदारी ट्रेंड आतंकियों को पैसा, हथियार, बारूद मुहैया करवाना था। इसके लिए समीर कालिया का इस्तेमाल किया जा रहा था। समीर मुंबई के धारावी का रहने वाला है। जिसके फोन से भी व्हाट्सएप मैसेज और वॉयस मैसेज मिले हैं जिनको खंगाला जा रहा है। समीर का पिछला आपराधिक इतिहास रहा है, वह पहले भी रंगदारी मामले में गिरफ्तार हो चुका है। जब समीर को कोटा से ट्रेन से पकड़ा गया तो वह विस्फोटक लेने के लिए यूपी जा रहा था और फिर उसे वो दिल्ली लेकर आना था। भारत का भगोड़ा आतंकवादी दाऊद इब्राहिम का भाई अनीस आरडीएक्स, ग्रीनेड और हथियार मुहैया कराता रहा। उन्हें अलग-अलग चरण में भारत भेजा जाना था।
इंटेलिजेंस कहां से मिली?
आतंकी भारत में 30 सालों का सबसे बड़ा हमला करने की फिराक में थे। जिनके पीछे मास्टर माइंड आईएसआई और पाकिस्तान था और निशाने पर भारत के तीन बड़े सूबे थे। प्रयागराज में बम रखा हुआ था। देश की सबसे बड़ी सिक्योरिटी बॉडी से मिली जानकारी पाकर यूपी एटीएस प्रयागराज पहुंच गई। नेशनल सिक्योरिटी सेक्रटेरिएट जहां रॉ और आईबी जैसी बड़ी सुरक्षा एजेंसी है और बड़े ऑपरेशन एनएसए अजीत डोभाल के निर्देश पर होते हैं। दिल्ली से मिली जानकारी पाकर यूपी एटीएस को मिली और 14 सितंबर से ही ऑपरेशन शुरू हो गया।
यूपी एटीएस ने लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रतापगढ़ और प्रयागराज में एक साथ छापेमारी कर 3 संदिग्धों को गिरफ़्तार किया। इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर एटीएस ने ठीक उसी जगह रेड मारी जहां बम रखा था। बता दें कि प्रयागराज से 500 किमी की दूरी पर ही अलीगढ़ में एक बड़ी रैली होने वाली थी। अगर आईईडी वहां से मूव होता तो टारगेट कौन सा शहर होता अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रयागराज में आईईडी जरूर मिला था लेकिन इनके टारगेट में कई शहर थे। और आतंकी कहां टारगेट करेंगे ये पता नहीं था। एटीएल के पास वक्त बहुत कम था। आईडी बरामद हुआ उसे डिफ्यूज किया गया। इस पूरे ऑपरेशन पर अजीत डोभाल ने नजर बनाई हुई थी। लेकिन वो सिर्फ प्रयागराज को ही मॉनिटर ही नहीं कर रहे थे।
डोभाल की नजर तीन राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र पर थी। अब पूरे ऑपरेशन का मजमून आपको समझाते हैं। दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल, यूपी एटीएस और महाराष्ट्र एटीएस ने पूरा ऑपरेशन किया। इन तीन ग्रुप्स को पूरी जानकारी नेशनल सिक्योरिटी सेक्रटेरिएट से मिली जिसे अजीत डोभाल लीड करते हैं। यहां रॉ, आईबी समेचत तमाम खुफिया जानकारी आती है।
आतंकियों के निशाने पर क्या-क्या था?
गिरफ्तार किए गए 6 आतंकियों और पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं के निशाने पर गणेश चतुर्थी, नवरात्री, रामलीला जैसे त्योहार थे। मतलब साफ है त्योहार के माहौल में भीड़-भाड़ वाले इलाके को निशाना बनाया जाना था ताकि ज्यादा से ज्यादा जान-माल का नुकसान हो। अगर ये छह आतंकी नहीं पकड़े जाते तो इतनी जान लेके कि 1993 मुंबई बम धमाकों के बाद सबसे बड़ा हमला होता। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सीरियल ब्लास्ट की तैयारी सिर्फ एक शहर नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश टारगेट था, दिल्ली निशाने पर थी और महाराष्ट्र के साथ ही मुंबई को फिर दहलाने की कोशिश थी। लेकिन इन्हें वक्त रहते पकड़ लिया गया। गिरफ्तारी सिर्फ यूपी से नहीं बल्कि राजस्थान से भी हुई और एक आतंकी को कोटा में ट्रेन से पकड़ा गया। ये बेहद ही कॉरडिनेटेड ऑपरेशन था और सुरक्षा एजेंसियां कोई चांस नहीं लेना चाहती थी।
आईएसआई और डी कंपनी
1993 के मुंबई ब्लास्ट के बाद फिल्म अभिनेता संजय दत्त को गिरफ्तार करने वाले रिटायर एसीपी सुरेश वाली शेट्टी का मानना है कि पिछले 28 साल से पाकिस्तान दाऊद और उसके लोगों को अपने यहां शरण दिए हुए है। संभव है पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आईएसआई का दाऊद और उसके परिवार पर प्रेशर पड़ा हो कि इतने लंबे समय तक हम तुम्हें प्रोटेक्शन दिए हुए हैं, बदले में अब कुछ बड़ा करो। शायद उस प्रेशर में दाऊद ने अपने भाई अनीस इब्राहिम को कुछ बड़ा करने का जिम्मा सौंपा हो।
कौन कहां से पकड़ा गया
महाराष्ट्र से जान मोहम्मद शेख, दिल्ली से ओसामा सामी, यूपी के रायबरेली से मूलचंद, यूपी के प्रयागराज से जीशान कमर, लखनऊ से मोहम्मद आमिर जावेद और अबू बक्र। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के मुताबिक सभी आतंकियों अपने मंसूबों की फर्स्ट स्टेज में थे। सभी को अलग-अलग जगहों की रेकी करने के लिए कहा गया था। किसी को दिल्ली, किसी को यूपी, किसी को मुंबई में नजर रखनी थी। उत्तर प्रदेश में इन आतंकियों में जीशान कमर प्रयागराज में पकड़ा गया। लाला उर्फ मूलचंद रायबरेली से गिरफ्तार हुआ। दिल्ली के रास्ते कोटा में ट्रेन से जान मोहम्मद की गिरफ्तारी हुई। इन सब में ओसामा और जीशान को पाकिस्तान में ट्रेनिंग मिली थी।
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