वाराणसी में अधिकारी CM की बात ही नहीं सुनते, विकास कार्यों को लेकर अंधेरे में रखे जाते हैं जनप्रतिनिधि – शतरुद्र प्रकाश
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / वाराणसी विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक साल में 4 बारे होनी चाहिये पर ये साल में एक बार करते हैं। एक मीटिंग से क्या होगा। इन्हे हर तीसरे महीने पर मीटिंग करनी चाहिये। उक्त बातें सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने शनिवार को वाराणसी विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक में शामिल होने के बाद कही। उन्होंने कहा की 31 अगस्त 2020 के बाद आज हो रही यह बैठक। इससे क्या होगा। अधिकारी जनप्रतिनिधियों से कुछ साझा नहीं करते जबकि मुख्यमंत्री जी अपने हर दौरे पर कहते हैं कि जनप्रतिनिधियों को हर कार्य के बारे में जानकारी हो।
शनिवार को सर्किट हॉउस में वाराणसी विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक की अध्यक्षता समिति के उपाध्यक्ष केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने की। इस बैठक में मौजूद सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने बताया कि आज बहुत महत्वपूर्ण बैठक थी। वाराणसी विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक थी। केंद्रीय मंत्री महेंद्र पांडेय जी आ जाते हैं मीटिंग की सदारत करने के लिए। आज इस बैठक में स्मार्ट सिटी, जल निगम, जल प्रदूषण, सीवर, ग्राम पंचायतों में विकास कार्य और उनकी प्रगति और नगर निगम की भूमिका की समीक्षा की जाती है। इसमें क्या विकास कार्य हुए, हुए तो कैसे हुए।
शतरुद्र प्रकाश ने आरोप लगाते हुए कहा कि वाराणसी विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक साल में 4 बारे होनी चाहिये पर ये साल में एक बार करते हैं। एक मीटिंग से क्या होगा। इन्हे हर तीसरे महीने पर मीटिंग करनी चाहिये। अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर और फरवरी में, पिछली बैठक 31 अगस्त 2020 को हुई और आज 18 सितम्बर 2021 को बैठक की जा रही है। इस तरह की बैठक करने से खाली कोरम पूरा होता है। काम तब होगा जब लगातार बैठक होगी। अधिकारी जब तक जनप्रतिनिधियों से संवाद नहीं करेगा तो काम की निगरानी नहीं हो पाएगी।
शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि पूरे बनारस में मनमाना विकास हो रहा है। इस विकास को जन भावना से जोड़ना चाहिये, पर न जनता को पता है और न जनप्रतिनिधियों को पता है बस आप कह रहे हैं कि आप ने विकास कर दिया। जनता को भी पता होना चाहिये कि क्या विकास हो रहा है। एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि जो भी विकास हो रहा है उसमे कितना बजट मिला और कितने का काम हुआ ये सब चीज़ें जनता और जनप्रतिनिधियों को पता होनी चाहिये। विकास कार्यों में पारदर्शिता होनी चाहिए।
शतरुद्र प्रताप ने इस बैठक में जीआईएस सर्वे पर प्रश्नचिह्न लगाए और कहा कि आप ने इसरो के द्वारा गूगल मैपिंग की है लेकिन उसका डाटा कहां है। आप मंदिरों को आवासीय ब्लडिंग लिख रहे हैं। केदार मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, संकठा मंदिर, बिपिन बिहारी बालिका इंटर कालेज, दुर्गाचरण कालेज और चिंतामणि गणेश को आवासीय लिखा। सही से मैपिंग नहीं की है।