गोपालगंज में कोरोना से नही हुई किसी भी व्यक्ति की मौत: डीएम
• मृत किसी भी व्यक्ति का नहीं हुआ था कोविड जांच
• सांस लेने में थी समस्या, इलाज के दौरान हुई थी मौत
• कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए विभाग तैयार
श्रीनारद मीडिया‚ गोपालगंज (बिहार)
गोपालगंज जिले में सितंबर माह में किसी भी व्यक्ति की मौत कोरोना संक्रमण से नहीं हुई है। अलग-अलग दिन तीन लोगों की मौत हुई है। जो किसी दूसरे बिमारी से ग्रसित थे। उनका ऑक्सीजन लेवल गिरने से मौत हुई थी। उक्त बातें जिलाधिकारी डॉ नवलकिशोर चौधरी ने कही। उन्होने कहा कि कई मीडिया रिपोर्ट में यह खबर प्रकाशित हुई है कि तीन लोगों को मौत कोरोना से हुई है, जो पूरी तरह से गलत है। मृत तीनों व्यक्तियों में किसी का भी कोविड जांच भी नहीं हुआ था। सांस लेने की समस्या थी। जिस कारण मौत हुई है। जिले में दो दिन पहले एक बिना लक्षण वाला कोविड का मरीज पाया गया था। जो पूरी तरह से स्वस्थ्य है। वह अपने घर पर होम आईसोलेट है। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। इसको लेकर व्यापक स्तर पर तैयारी की गयी है। सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का कार्य भी तेजी से चल रहा है। जल्द हीं ऑक्सीजन प्लांट को चालू कर दिया जायेगा। अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। कोरोना के मरीजों के लिए बेड तैयार रखा गया है। आगे अगर कोई भी लहर आती है तो इससे निपटने के लिए हर स्तर पर मुकम्मल तैयारी की गई है।
प्रतिदिन चार हजार से अधिक लोगों की हो रही है जांच:
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने कहा कि जिले में संभावित तीसरी लहर को देखते हुए जांच में भी तेजी लायी गयी है। प्रतिदिन 4000 से अधिक सैंपल कलेक्शन कर कोविड का जांच किया जा रहा है। आरटीपीसीआर जांच में भी तेजी लायी गयी है। अब जिले में लैब भी स्थापित हो चुका है। लोगों को आसानी से आरटीपीसीआर का जांच रिपोर्ट भी उपलब्ध हो रहा है। अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए भी पूरी तैयारी कर ली गई है। दूसरी लहर में सामने आई सभी कमियों को पूरा कर लिया गया है।
बच्चों के लिए तैयार है पीकू वार्ड:
जिलाधिकारी ने बताया कि अगर तीसरी लहर आती है तो बच्चों पर असर होने का संभावना व्यक्त की गयी है। इसको देखते हुए बच्चों के लिए भी व्यवस्था की गई है। अस्पताल स्थित एसएनसीयू में 0 से 28 दिन के बच्चों को रखने की व्यवस्था। वहीं 28 दिन से ज्यादा उम्र के बच्चों के इलाज के लिए पीकू वार्ड पूरी तरह तैयार है। बेड और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। इसके हीं ऑक्सीजन की भी पर्याप्त व्यवस्था की गयी है।
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