सारण के 4 बच्चों को दिल में छेद की नि:शुल्क सर्जरी के लिए भेजा गया अहमदाबाद
• आरबीएसके की टीम ने बच्चों को किया था चयनित
• मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल है बाल हृदय योजना
• अब तक जिले के कई नौनिहालों को मिल चुकी है नई जिन्दगी
श्रीनारद मीडिया‚ पंकज मिश्रा‚ छपरा (बिहार)
मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय पार्ट-2 में शामिल बाल हृदय योजना , जन्मजात दिल में छेद से ग्रसित बच्चों के लिए जीवनदायनी साबित हो रही है। जिले के अब तक कई बच्चों की इस योजना के तहत सर्जरी की जा चुकी है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के द्वारा चयनित 4 बच्चों को छपरा से पटना एंबुलेंस से भेजा गया। जिसमें बच्चों के साथ अभिभावक भी गए। बच्चे के अभिभावक के आने-जाने एवं खाने-पीने, इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। ऑपरेशन सत्य साईं अस्पताल अमदाबाद में सरकारी खर्चे पर किया जाएगा। सभी बच्चे प्लेन से पटना से अहमदाबाद जायेंगे। जहां बच्चे का ऑपरेशन बाल हृदय योजना के तहत हार्ट का निःशुल्क ऑपरेशन किया जाएगा।
इन बच्चों को मिल गयी नयी जीवन:
आरबीएसके के जिला समन्वयक डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि दिल में छेद के सर्जरी के लिए जिले के 4 बच्चों को भेजा गया है। जिसमें रिविलगंज प्रखंड के खैरवार गांव निवासी अमरनाथ पंडित के पुत्र अनुज कुमार, दरियापुर प्रखंड के बड़का बनैचा गांव निवासी भोला कुमार रजक की पुत्री वैष्णवी कुमारी, गड़खा प्रखंड के रघुपुर निवासी इस्तयाक खान की पुत्री अंजुम, एकमा प्रखंड के इकरीपुर परसागढ़ गांव निवासी काली चरण महतो की पुत्र अंचल कुमार शामिल हैं। इन सभी का ऑपरेशन नि:शुल्क किया जायेगा।
प्रखंड स्तर पर आरबीएसके की टीम करती है स्क्रीनिंग :
डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि योजना के तहत हृदय में छेद के साथ जन्मे बच्चों की पहचान के लिए जिलास्तर पर स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा अन्य अधिकारी भी शामिल होते हैं। जहां से बच्चों को इलाज के लिए आईजीआईएमएस या फिर अहमदाबार रेफर किया जाता है। स्क्रीनिंग से लेकर इलाज पर आने वाला पूरा खर्च सरकार उठाती है। किसी बच्चे के हृदय में छेद हो जाता है तो किसी को जानकारी रहती नहीं है। बाद में कुछ उम्र के बाद बच्चों को कई तरह की कठिनाई होने लगती है। इसको ध्यान में रखते हुए यह बच्चों की निःशुल्क जांच एवं इलाज की व्यवस्था की गयी है।
एंबुलेंस की सुविधा नि:शुल्क:
बाल हृदय योजना के तहत बच्चों को नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा मुहैया करायी जाती है। बच्चों को घर से अस्पताल या अहमदाबाद जाने के लिए एयरपोर्ट, या अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस या प्राइवेट वाहन की सुविधा मुहैया करायी जाती है। जिसका खर्च विभाग की तरफ से वहन किया जाता है। आरबीएसके कार्यक्रम मुख्य रूप से बच्चों की बीमारी दूर करने का कार्यक्रम है। इसके तहत कई बीमारी का इलाज किया जा रहा है। टीम के सदस्य ऐसे गांव में पीड़ित परिवार से जाकर मिलते हैं। उन्हें सरकारी कार्यक्रम की जानकारी देते हैं। इसके बाद बच्चों का इलाज होता है।
यह भी पढ़े
उप मुख्यमंत्री के साले, बहू और रिश्तेदारों को मिला 53 करोड़ का ठेका