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इलाज में आयुष्मान योजना बनी मरीजों की मददगार

 

इलाज में आयुष्मान योजना बनी मरीजों की मददगार

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कैंसर पीड़ित मेहरताबा खानम ने योजना की मदद से कराया मुफ्त इलाज:
पात्र लाभुकों से आयुष्मान कार्ड बनवाने की अपील, योजना का लें लाभ:
योजना के तहत 8910 लाभुकों को मिली है नि:शुल्क इलाज की सुविधा:

श्रीनारद मीडिया, गया, (बिहार):


हंसती मुस्कुराती 55 वर्षीय मेहरताबा खानम के चेहरे पर सुकून है। इस सुकून की वजह कैंसर रोग से जूझने के बाद जरूरी इलाज के लिए खर्च का निकल पाना है। कैंसर जैसे रोग के इलाज के लिए पैसे की तंगी जब बाधा बनी तो आयुष्मान कार्ड मददगार के रूप में सामने आया। आज मेहरताबा आयुष्मान योजना की मदद से पटना के महावीर कैंसर संस्थान में बेहतर इलाज करा सकी हैं।

जिला के बाराचट्टी प्रखंड निवासी मेहरताबा खानम को इस वर्ष के जनवरी माह में जब पता चला कि उन्हें स्तन कैंसर है तो वह स्तब्ध रह गई कैंसर होने की इस खबर के बाद वह काफी परेशान रहने लगीं। एक साधारण ग्रामीण परिवार से संबंध रखने वाली मेहरताबा को अपने इलाज व खर्च की चिंता सताने लगी। परिवार के सदस्य उन्हें पटना के महावीर कैंसर अस्पताल ले गये जहां इलाज का सि​लसिला चलने लगा। इस बीच चिकित्सकों ने आॅपरेशन की सलाह दी पैसों का खर्च बढ़ा तो चिंताएं भी बढ़ीं लेकिन इसी दरम्यान आयुष्मान योजना की जानकारी मिली । आयुष्मान योजना के तहत इलाज की जानकारी लेकर कार्ड बनवाया और फिर वहां उनका जरूरी इलाज किया जा सका।

मेहरताबा बताती हैं कि जिंदगी और मौत ऊपरवाले के हाथ में हैं लेकिन मरीज के लिए सबसे अधिक चिंता यह होती है कि कि इलाज के लिए पैसे कहां से आयेंगे। आयुष्मान कार्ड ने उनकी जैसे कई लोगों की जिंदगी बदल दी है। वह कहती हैं अल्लाह किसी को कोई बीमारी नहीं दे, फिर भी किसे कब और कौन सी बीमारी हो जाये यह कोई नहीं जानता। वह इस बात पर जोर देती हैं कि ऐसे सभी लोग जिनके पास भी आयुष्मान कार्ड है और किसी बीमारी से परेशान हैं तो वे इसका इस्तेमाल जरूर करें ताकि ताकि इलाज के खर्च में होने वाली परेशानी से बचा जा सके।

सुभ्रदा ने कराया ह्रदय व आंख का इलाज:
गुरुआ प्रखंड की सुभ्रदा देवी भी उन रोगियों में से एक रही हैं, जिनके सामने इलाज के लिए खर्च एक बड़ी समस्या थी। ह्रदय में ब्लॉकेज का पता चलने के बाद पटना के एक निजी अस्पताल में सर्जरी करने की बात कही गयी। इस सर्जरी में एक बड़ी रकम लग रही थी। उन्होंने पहले ही आयुष्मान कार्ड बनवा रखा था। इसलिए उनके इलाज में होने वाला बड़ा खर्च बच गया। आयुष्मान कार्ड का इस्तेमाल करते हुए ह्रदय की बाइपास सर्जरी करायी। वे इस कार्ड का इस्तेमाल कर अपनी आंख का आॅपरेशन भी करा चुकी हैं।

पात्र लाभुक आयुष्मान योजना का जरूर लें लाभ:
आयुमान भारत कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक नलीन मौर्य ने बताया कि आयुष्मान भारत कार्यक्रम के तीन वर्ष पूरे हो चुके हैं और इस बीच कई गरीब परिवारों को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है। इस योजना के लाभ से अवगत कराने के लिए जनजागरूकता भी लायी गयी है। पंचायत स्तर पर कैंप मोड में कार्ड बनाने का काम किया गया है। उन्होंने अपील की है कि इसके बारे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से आवश्यक जानकारी लेकर पात्र लाभुक अपना कार्ड जरूर बनवा लें।

जिला में 8910 लाभुकों को मिला है नि:शुल्क इलाज:
जिले में आयुष्मान भारत योजना के 20 लाख 92 हजार 478 लाभुक हैं। जिला भर में एक लाख 85 हजार 357 लाभुकों का कार्ड बनाया जा चुका है। योजना के शुभारंभ होने से अब तक कुल 8910 लाभुकों को मुफ्त इलाज की सुविधा प्राप्त हुई है। इन लाभुकों द्वारा कराये गये इलाज में कुल 9 करोड़ 99 लाख 173 रुपये खर्च हुए और इस प्रकार औसतन इलाज कराये जाने वाले प्रति लाभुक पर 11 हजार 212 रुपये का खर्च हुआ है।

जिला के इन प्रखंडों में लाभुकों की यह है संख्या:
आमस प्रखंड में 54492, अतरी में 51327, बांकेबाजार में 66246, बाराचट्टी में 59438, बेलागंज में 109213, बोधगया में 93043, डोभी में 63853, डुमरिया में 71541, फतेहपुर में 107779, गया शहरी क्षेत्र में 196566, गुरारू में 98680, इमामगंज में 116838, खिजरसराय में 92524, कोंच में 103212, मानपुर में 79084, मोहरा प्रखंड में 53743, नीमचक बथानी में 42205, परैया में 47471, शेरघाटी में 63301, टनकुप्पा में 67126, टेकारी में 111548 और वजीरगंज में 111498 लाभुक हैं।

 

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