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मुफ्त का लेनदेन अब लोकतंत्र की जड़ों को दीमक की तरह कर रहा खत्म,कैसे? - श्रीनारद मीडिया

मुफ्त का लेनदेन अब लोकतंत्र की जड़ों को दीमक की तरह कर रहा खत्म,कैसे?

मुफ्त का लेनदेन अब लोकतंत्र की जड़ों को दीमक की तरह कर रहा खत्म,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

घर में नहीं हैं दाने, अम्मा चली भुजाने। इस प्राचीन लोकोक्ति का आशय तो आप समझ ही गए होंगे। इस सोच-समझ और संस्कार को हतोत्साहित करने के लिए हमारे समाज ने ऐसे अनेक मुहावरे गढ़े लेकिन भारतीय जनमानस में ये संस्कृति अपनी घुसपैठ बनाती गई। क्या नेता, क्या आम आदमी, मुफ्त के लेनदेन का यह गठजोड़ हमारी संस्कृति का अहम अंग बन गया।

अब ये संस्कृति दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की जड़ों को दीमक की तरह चाट रही है। अगर आधुनिक घूस को ही इसका पर्यायवाची माने तो इसके दोषियों का दायरा बहुत व्यापक हो जाता है। इसी व्यापकता का फायदा अब हमारे राजनेता उठा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।

सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं। मुफ्तखोरी की राजनीति शुरू हो चुकी है। फ्री में ये देंगे फ्री में वो देंगे तमाम वादे माहौल में गूंजकर माननीयों के स्वार्थसिद्ध योग को पूरा करते दिख रहे हैं। मतदाता भी फूला नहीं समा रहा है कि भाई अबकी बार तो सब कुछ मुफ्त हो जाएगा। अरे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे ताकतवर इंसानों, इस मुफ्तखोरी के पीछे की असलियत को पहचानो।

ये वे राजनीतिक दल हैं जिनके मुख्यमंत्री सालाना घाटे का बजट पेश करते हैं। कर्मचारियों के वेतन देने के लाले पड़ जाते हैं तो केंद्र की तरफ निहारते हैं। गुहार लगाते हैं कि माई बाप बचा लो। सब कुछ ठप हो जाएगा। एक अध्ययन बताता है कि लोग अच्छी सेवा के बदले दाम चुकाना चाहते हैं लेकिन ये राजनेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए सब कुछ फ्री में बांटने पर अमादा है।

इससे न तो जनता का कल्याण होता है और न ही राज्य का। राज्य की अर्थव्यवस्था गर्त में चली जाती है। राजस्व की कमी के चलते विकास की बातें हवा-हवाई साबित होने लगती हैं। आपको फ्री में कुछ नहीं मिलता। जनता के टैक्स से ही वो आता है। कान सीधे न पकड़कर घुमाकर पकड़ने की ये संस्कृति राजनीतिक दलों को मुफीद साबित हो रही है। भोला मतदाता इनकी चिकनी-चुपड़ी बातों में आकर बाद में पछताता है। बचिए, ऐसे वादों से और ऐसे वादा करने वालों से।

यह केजरीवाल की गारंटी है। आप की सरकार बनते ही डोमेस्टिक सप्लाई वाले उपभोक्ताओं का बकाया बिजली बिल माफ किया जाएगा और सबको मुफ्त बिजली देंगे। 300 यूनिट तक की खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं को बिल नहीं देना होगा। मुझे भरोसा है कि इससे सब खुश होंगे। हमने दिल्ली में इसे किया है और पंजाब में भी करेंगे। यह जादू है, जिसे करना सिर्फ हमें आता है। यह बयान 29 जून, 2021 को चंडीगढ़ में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल ने कहा था।

वहीं 20 सितंबर, 2021 को पद संभालने के बाद प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा था कि पंजाब में किसानों के लिए बिजली फ्री रहेगी। किसानों और गरीबों के बाकी बिल माफ होंगे। जिनके कनेक्शन काट दिए गए हैं, उन्हें फिर से कनेक्शन दिया जाएगा। उनके बिल माफ किए जाएंगे। साथ ही गरीबों और किसानों को पानी फ्री में दिया जाएगा। बाकी बिल को भी माफ किया जाएगा।

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