अब अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ भी PM मोदी ने विकसित की पर्सनल केमिस्ट्री.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह से अमेरिका के दो पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक अलग पर्सनल केमिस्ट्री विकसित की थी, वैसी ही केमिस्ट्री उनकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ भी बनती दिख रही है। बाइडन ने पीएम मोदी के साथ पहली मुलाकात में जिस तरह से गर्मजोशी दिखाई और बातचीत में भारत के साथ अपने पुश्तैनी रिश्तों को लेकर अपनापन दिखाया, वह यही इशारा करते हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के बाद मोदी और बाइडन की दोस्ती चर्चा में है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोदी को गले लगाने की कोशिश की
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि आमने-सामने मिलते ही जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति ने मोदी को गले लगाने की कोशिश की, वह भी दोनों के बीच की गर्मजोशी को बताता है। सूत्रों का कहना है कि मोदी के साथ मुलाकात में द्विपक्षीय वार्ता में बाइडन की तरफ से इस बात को खासतौर पर रेखांकित किया गया कि वह मोदी के साथ भारत-अमेरिका रिश्तों के दीर्घकालिक लक्ष्यों पर काम करना चाहते हैं। इसी तरह से जब पीएम ने उन्हें भारत दौरे के लिए आमंत्रित किया तो उनका रवैया काफी सकारात्मक था।
भारत की यात्रा पर जल्द आ सकते बाइडन
भारतीय पक्ष इस बात के लिए आश्वस्त है कि राष्ट्रपति बाइडन अपने कार्यकाल में एक से ज्यादा बार भारत के दौरे पर आ सकते हैं। वैसे अगर सब कुछ ठीक रहा तो वर्ष 2023 में भारत में समूह-20 देशों की शिखर बैठक होनी है जिसमें राष्ट्रपति बाइडन के शामिल होने की पूरी संभावना है। देखना होगा कि उनका द्विपक्षीय दौरा उसके पहले होता है या नहीं। सूत्र यह भी बताते हैं कि मोदी व बाइडन पहले भी मिल चुके हैं जिसका संकेत उनके मिलने के अंदाज से चल रहा था। मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति बाइडन ने स्वयं पीएम मोदी से आग्रह किया कि वह फोटो खिंचवाने के लिए अपना मास्क हटा सकते हैं।
मोदी ने माना था कि ओबामा के साथ वेवलेंथ बहुत स्पेशल
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती भी चर्चा में रह चुकी है। दोनों नेताओं के बीच कमाल की केमस्ट्री थी। मोदी ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि यह सच है कि ओबामा और मैं बहुत खास दोस्त हैं। हम दोनों की वेवलेंथ बहुत स्पेशल है। उस वक्त भारत दौरे पर आए ओबामा ने भी मोदी को अपना खास दोस्त बताया था। दोनों के बीच फोन पर अनगिनत बार बात हुई है।
ओबामा और मोदी करीब सात बार एक दूसरे से मिल चुके हैं। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्रों के नेताओं के पास नजदीक आने की एक जैसी वजह है। एक तरफ जहां अमेरिका, एशिया में चीन की ताकत को काउंटर करने के लिए भारत को सहयोगी के रूप में उभार रहा है। वहीं भारत अपनी अर्थव्यवस्था को अमेरिकी कंपनियों के निवेश से सरपट दौड़ाना चाहता है।
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