वाराणसी में सीओ रहे अमरेश बघेल, रेप केस मामले में गिरफ्तार
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी / बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म केस के मामले में जांच करने वाले निलंबित सीओ अमरेश सिंह बघेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। बुधवार शाम बाराबंकी से हिरासत में लिए गए अमरेश सिंह बघेल से रात भर पूछताछ की गई। गुरुवार सुबह आत्महत्या के लिए प्रेरित करने सहित कई गंभीर धाराओं में लंका थाने में इंस्पेक्टर महेश पांडेय की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। जिला चिकित्सालय में मेडीकल परीक्षण के बाद उसे वाराणसी सीजीएम की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने अमरेश सिंह बघेल को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत में पेशी के दौरान काफी गहमगहमी का माहौल रहा। कचहरी परिसर में भार पुलिस बल तैनात रही।
सांसद अतुल राय के मामले में वाराणसी के आला पुलिस अधिकारियों ने भी घनघोर लापरवाही बरती। सुप्रीम कोर्ट के सामने जब रेप पीड़िता और उसके साथी ने आत्मदाह किया तब सरकार की नींद टूटी और एसएसपी अमित पाठक, तत्कालीन एसपी सिटी विकास चंद्र त्रिपाठी, तत्कालीन एसीपी विनय कुमार सिंह और तत्कालीन सीओ अमरेश बघेल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक जांच कमेटी गठित की गई। एसएसपी अमित पाठक, एडीसीडी विकास चंद्र त्रिपाठी को पद से हटाकर स्पष्टीकरण मांगा गया जबकि सीओ अमरेश बघेल को निलंबित कर दिया गया था। एसीपी विनय कुमार सिंह को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। जांच कमेटी ने पाया कि पीड़िता और उसके सहयोगी की तरफ से दर्ज विभिन्न एफआईआर की विवेचना और पर्यवेक्षण में काफी लापरवाही बरती गई। यही नहीं पीड़िता और उसके सहयोगी ने जो शिकायती पत्र पुलिस अधिकारियों को दिए, उन पर भी समय से कार्यवाही नहीं हुई।
भेलूपुर सीओ पद पर तैनात रहे अमरेश सिंह बघेल ने बसपा सांसद अतुल राय के पिता भरत सिंह के शिकायती पत्र की जांच में 11 पन्ने की रिपोर्ट फाइल की थी। इसमें सीओ ने अतुल राय को क्लीन चिट देते हुए दुष्कर्म के मुकदमे की फिर से विवेचना कराए जाने की संस्तुति कर दी थी। जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने के साथ ही सीओ ने दुष्कर्म पीड़िता पर टिप्पणी भी की थी।
इस मामले में शासन ने दिसंबर 2020 में सीओ अमरेश सिंह बघेल को निलंबित करते हुए जांच प्रयागराज के आईजी रेंज को सौंपी थी। घोसी सांसद अतुल राय के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता और उसके गवाह ने वाराणसी पुलिस पर गंभीर टिप्पणी करते हुए 16 अगस्त को नई दिल्ली में आत्मदाह कर लिया था।