अजीत डोभाल से मुलाकात अमरिंदर का मकसद, क्‍यों बेहद अहम मानी जा रही?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

यूं तो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का दिल्ली दौरा राजनीतिक रंग में रंगा है लेकिन सियासत से परे पंजाब की सुरक्षा भी उन्हें परेशान कर रही है। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल से मुलाकात का पूरा एजेंडा इसी से जुड़ा था। इस मुलाकात का विस्तृत ब्यौरा सामने नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने एनएसए को पाकिस्तान की ओर से पंजाब में नए सिरे से अस्थिरता पैदा करने की कोशिशों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

इन मुद्दों पर बैठक

यही नहीं बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के दौरान भी अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन के साथ-साथ सुरक्षा के हालात को लेकर चर्चा की थी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अजित डोभाल के आवास पर लगभग आधे घंटे तक चली बैठक में अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के मार्फत पंजाब भेजी जा रही हथियारों की खेप के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही पाकिस्तान सीमा पार से मादक पदार्थों की सप्लाई कर आतंकियों और अलगाववादियों की फंडिंग की भी कोशिश कर रहा है।

सुरक्षा एजेंसियों को होना होगा सचेत

अमरिंदर सिंह बताया कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए किस तरह से पंजाब पुलिस और सीआइडी पाकिस्तान की इन कोशिशों को नाकाम करने में जुटी थी। लेकिन पंजाब में बदली राजनीतिक परिस्थितियों में पंजाब पुलिस के हाथ बंध सकते हैं। ऐसे में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को ध्वस्त करने के लिए समय रहते हुए सचेत होना पड़ेगा। अमरिंदर सिंह और अजित डोभाल की मुलाकात की अहमियत को इस बात से समझा जा सकता है कि डोभाल इस मुलाकात के तत्काल बाद अमित शाह से मिलने गए।

ड्रोन के जरिए पंजाब में गिराए थे हथियार

ध्यान देने की बात है कि 20 अगस्त को ही एनआइए ने खालिस्तानी आतंकवादी जनरैल सिंह भिंडरावाले के भतीजे जसबीर सिंह रोडे के बेटे गुरुमुख सिंह रोडे को गिरफ्तार किया था। एनआइए ने उसके घर से टिफिन बम और पिस्तौल के साथ-साथ आरडीएक्स भी बरामद किया था। माना जा रहा है कि ये हथियार और विस्फोटक ड्रोन के जरिये पंजाब में गिराये गए थे।

राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा

इसके साथ ही एक जुलाई को एनआइए ने खालिस्तानी आतंकियों की ओर से पंजाब के व्यापारियों को धमकी और उगाही के मामले में नौ स्थानों पर छापा मारा था। इसके पहले आरएसएस नेता की हत्या के आरोप में एनआइए नौ खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। माना जा रहा है कि अमरिंदर सिंह ने अजित डोभाल और अमित शाह को बताया कि पंजाब में पाक प्रायोजित आतंकवाद एक सच्चाई है और यदि इससे कड़ाई से नहीं निपटा गया तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

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