मनीष गुप्ता मौत मामले में CBI जांच की सिफारिश.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत  के मामले में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. मामले की गुत्थी सुलझाने और हकीकत सामने लाने के लिए यूपी सरकार ने केंद्र से सीबीआई जांच की सिफारिश की है. मामले को लेकर यूपी सरकार की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि कानपुर के मनीष गुप्ता के मौत के प्रकरण में राज्य सरकार द्वारा सीएम योगी के निर्देशों के क्रम में सीबीआई से जांच राने की संस्तुति भारत सरकार को भेजी गई है. जब तक सीबीआई प्रकरण को टेक ओवर कर अपनी जांच शुरू करती है तब तक मामले की जांच गोरखपुर से स्थानांतरित कर कानपुर में विशेष रूप से गठित एसआईटी के द्वारा की जाएगी.

इसमें आगे लिखा है कि मनीष गुप्ता की पत्नी को कानपुर विकास प्राधिकरण में ओएसडी के पद पर नियुक्त करने के निर्देश भी दिए गए हैं. परिवार को 40 लाख की आर्थिक सहायता राज्य सरकार द्वारा देने के निर्देश भी सीएम द्वारा दिए गए हैं.

मनीष गुप्ता की मौत गोरखपुर के एक होटल में पुलिस रेड के दौरान हुई थी. इस मामले में 6 पुलिस वालों पे हत्या के मुकदमे हुए हैं. सरकार का कहना है कि जब तक सीबीआई इस केस को नहीं लेती इसकी जांच कानपुर पुलिस को ट्रांसफर कर दी जाएगी.

मीनाक्षी गुप्ता ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सीएम छोटी बहन को न्याय दिलाएंगे. उन्होंने बताया कि सीएम ने उन्हें 10 लाख रुपये का चेक भी सौंपा है और कहा है कि 40 लाख रुपये जल्द ही मिल जाएंगे. मीनाक्षी ने सीएम से मुलाकात के बाद राहत की सांस ली है लेकिन कहा है कि वो तब तक लड़ाई लड़ती रहेंगी, जब तक कि उन्हें न्याय नहीं मिल जाता है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या मनीष की मौत पर पुलिस लीपापोती कर रही है तो वो बिफर पड़ीं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वो ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहती हैं लेकिन इसे सभी लोगों ने देखा कि पुलिस ने कैसी बर्बरता की है. मीनाक्षी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हो गया है कि पुलिस ने मनीष के साथ बर्बरता की जिसकी वजह से उनकी मौत हुई है. उन्होंने कहा कि पब्लिक समझदार है, वो सभी बातों को समझती है.

कानपुर के रहने वाले 36 साल के मनीष गुप्ता 20 सितंबर सोमवार को गोरखपुर घूमने गए थे. आधी रात में कुछ पुलिसकर्मियों ने होटल के कमरे पर छापा मारा. आरोप है कि वजह पूछने पर पुलिस वाले नाराज हो गए और उन्होंने मनीष को इतनी बुरी तरह पीटा कि उनकी मौत हो गई.

पोस्टमोर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनके सिर में सामने की तरफ 5 सेंटीमीटर लंबी और 4 सेंटीमीटर चौड़ी गहरी चोट थी. सिर के इस हिस्से में सूजन भी मिली है. उनकी बायीं आंख के ऊपर की हड्डी में चोट थी. उनका होंठ सूजा हुआ था. उनकी कुहनी भी कटी हुई थी. उनकी बाहों में और सिर में अंदरूनी चोट थी. जिस्म में कुछ नीलापन भी मिला है. पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट में लिखा है कि मरने से पहले वो इन चोटों की वजह से बेहोश हो गए थे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने ‘कू’ पर लिखे अपने संदेश में कहा कि सबकी जवाबदेही तय की जाएगी.

गोरखपुर का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें गोरखपुर के डीएम विजय किरण आनंद और एसएसपी विपिन टाडा मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता को समझाते हुए नज़र आते हैं कि वह पुलिस के खिलाफ मुक़ा न करें क्यों कि कोर्ट कचहरी का चक्कर बहुत लंबा होता है. एसएसपी मीनाक्षी से यह कहते भी दिखते हैं कि पुलिस वालों की उनसे पहले से कोई दुश्मनी नहीं थी. उनकी मांग पर उन्होंने उन्हें ससपेंड कर दिया है, इसलिए मुक़दमा न लिखाएं.

मीनाक्षी के मुकदमे की बात पर अड़े रहने से मनीष की हत्या के आरोप में आधा दर्जन पुलिस वालों पर हत्या का मुकदमा हुआ है. कानपुर में गुरुवार की सुबह मनीष का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

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