तपर्ण ः समाजिक न्याय के पुरोद्धा थे मेरे पिता स्वर्गीय मुन्नी सिंह
श्रीनारद मीडिया‚ रिज़वान उर्फ़ राजू‚ सिधवलिया गोपालगंज (बिहार):
मेरे पिता स्वर्गीय मुन्नी सिंह समाजिक न्याय के पुरोद्धा थे। जिसका परिणाम था कि वे आजादी के बाद सर्वप्रथम त्रिस्तरीय पंचायती राज के चुनाव में सर्व प्रथम सरपंच चुने गए। उन्होंने आजादी के पूर्व व आजादी के बाद निधन के पूर्व तक शोषित एवं गरीबों की लड़ाई लड़ी। उनमे जाति पाति का भेदभाव नही था, वे हमेशा गरीबों, शोषितों एवं असहाय लोगो के पक्षधर रहे ।
उनमे समाजिकता, समरसता एवं ईमानदारी कूट कूट कर भरा था। वे हमेशा कुरीतियों का विरोध करते रहे। दहेज प्रथा, जाति प्रथा तथा महिला उत्पीड़न के खिलाफ जंग लड़ते रहे। उन्होंने किसानों के भी हित में कार्य किया था जिसका परिणाम था कि वे केन यूनियन के वरीय सदस्य भी थे।इन सारे गुणों के गुणगान पूरे क्षेत्र के लोग आज भी गाते हैं।
उसी का परिणाम है कि आज मेरे परिवार में भी उन कुरीतियों से लड़ने एवं हर वर्ग के शोषितों , गरीबों एवं असहायों की मदद करने रीतियाँ चली आ रही हैं। आज भी उनके कीर्तियों की चर्चा समाज मे चलती हैं। और हमारा परिवार उनके पदचिन्हों पर चल कर समाज का प्रतिनित्व करता है।
भानु प्रताप सिंह
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