कोयले की कमी और बिजली संकट से बचने के लिए केंद्र कर रहा क्या उपाय.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कोयले की कमी का संकट लगातार गहराता ही जा रहा है। कई बिजली उप्तादन वाले केंद्र पहले से ही इस समस्या से जूझ रहे हैं। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पीएम नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने और कोयले की तुरंत आपूर्ति सुनिश्चित कराने की अपील की है। अपने एक पत्र में उन्होंने लिखा है कि उनके यहां पर मौजूद बिजली संयंत्रों में महज एक दिन का ही कोयला बचा है। ऐसे में राजधानी में बिजली की जबरदस्त किल्लत हो सकती है।
बता दें कि कोयले की कमी को लेकर केवल दिल्ली ही चिंतित नहीं है बल्कि दूसरे राज्य भी समान रूप से चिंतित हैं। दिल्ली के अलावा पंजाब, गुजरात, राजस्थान, तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों ने भी पीएम से इस बारे में दखल देने की अपील की है। इन्होंने बिजली संकट की आशंका के मद्देनजर केंद्र से कोयला आपूर्ति सुनिश्चित कराने की गुहार लगाई है। वहीं हालांकि सरकार की तरफ इस कमी और समस्या को जल्द सुलझाने का भी विश्वास दिलाया जा रहा है।
कोयले की कमी और बिजली के संकट को देखते हुए सरकार की तरफ से लगातार कहा जा रहा है कि वो इस संकट को जल्द सुलझा लेगी। इसके लिए सरकार ने कुछ प्रयास भी किए हैं। कोयला मंत्रालय के आंकड़े इस बात की भी तसदीक कर रहे हैं कि इस बार कोयले का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। वहीं बिजली का उत्पादन भी काफी बढ़ा है। कहा ये भी जा रहा है कि अर्थव्यवस्था में आई तेजी की वजह से बिजली की मांग बढ़ी है। कोयला मंत्रालय का कहना है कि देश में कोयले की कोई कमी नहीं है और इसका पर्याप्त भंडार उपलब्ध है। मंत्रालय का ये भी कहना है कि समस्या से निपटने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
कोयला मंत्री प्रह्नलाद जोशी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोयले की कीमत काफी बढ़ गई हैं। इसका असर बिजली उत्पादन पर भी पड़ा है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि तीन-चार दिनों में स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो जाएगी। केंद्र की तरफ से बिजली संकट से बचने के लिए दिल्ली के बिजली उप्तादन वाले संयंत्रों को गैस की आपूर्ति करने और एनटीपीसी को कोयला स्टाक बढ़ाने को कहा गया है। भविष्य में कोयले की कमी न हो इसके लिए 40 कोल ब्लाक की नीलामी प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने वाली है। इसमें ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, आदि के ब्लाक भी शामिल होंगे।
सरकर की तरफ से कहा गया है कि विभिन्न राज्यों में हुई जबरदस्त बारिश की वजह से कोयले की कमी देखी जा रही है। हालांकि उत्पादन पहले के मुकाबले काफी बढ़ा है। कोयले की कमी की समस्या से निपटने के लिए मंत्रालय ने एक ग्रुप बनाया है जो कोयले के स्टाक पर निगाह रखेगा और सप्ताह में बार इसका जायजा लेगा। मंत्रालय का ये भी कहना है कि उनकी कोशिश है कि हर रोज होने वाले कोयले की आपूर्ति को 1.6 मैट्रिक टन से बढ़ाकर 1.7 मैट्रिक टन किया जाए।
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