अर्थराइटिस का किसको सबसे ज्यादा खतरा, कैसे रखें बचाव?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
हर साल 12 अक्तूबर को वर्ल्ड अर्थराइटिस डे यानि विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है। जिसका मकसद बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाना है। आज की इस आर्टिकल में हम आपको, ये बीमारी होती क्यों है, किन्हें ज्यादा खतरा और इससे बचा कैसे जा सकता है,
क्या है अर्थराइटिस?
गठिया हड्डियों से जुड़ा एक रोग है जिसमें हड्डियों के जोड़ में सूजन और असहनीय दर्द होता है। गठिया की समस्या तब शुरु होती है जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। इसलिए यूरिक एसिड को कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है। कुछ लाइफस्टाइल नियम, दवाइयों की मदद से आराम और दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है हालांकि कुछ नॉन मेडिकल तरीके भी है जिसकी मदद से गठिए को कंट्रोल में रखा जा सकता है।
ये तीन नैचुरल तरीके हैं- फिजियोथैरेपी, हल्की एक्सरसाइज और हैल्दी डाइट। नियमित व्यायाम, हैल्दी बैलैंस डाइट और मोटापे को अपने काबू में रखकर इस बीमारी को कंट्रोल में किया जा सकता है।
अर्थराइटिस का किसको है सबसे ज्यादा खतरा?
पहले यह समस्या उम्र दराज लोगों को सुनने को मिलती थी लेकिन बिगड़ते लाइफस्टाइल के चलते आज कम उम्र में ही गठिए की समस्या हो रही है। जिनके शरीर में फैट ज्यादा है और वजन भी बढ़ा हुआ है उन्हें गठिया का खतरा अधिक रहता है।
जो लोग फिजिकल एक्टिविटी बिलकुल नहीं करते।
जंक फूड व बाहर का खाना ज्यादा खाते हैं।
जो मोटापे का शिकार हैं
जिनकी हड्डियां पहले से ही कमजोर हैं।
फैमिली हिस्ट्री या फिर कोई चोट व इंफेशन का शिकार हुए हैं तो अर्थराइटिस हो सकता है।
अब बड़ा सवाल है कि अर्थराइटिस से बचें कैसे ?
आर्थराइटिस की सबसे बड़ी वजह मोटापा है इसलिए अगर इस बीमारी से बचना है तो वजन पर कंट्रोल करें। अगर गठिए के शिकार हो गए हैं तो अपनी डाइट को सही रखें।
फल और सब्जियां
अगर आप गठिए के मरीज हैं तो जड़ों वाले फल और सब्जियां खाएं जैसे गाजर, शकरकंद और अदरक जड़ वाली सब्जियां हैं।
लहसुन
लहसुन इन लोगों के लिए वरदान है। लहसुन में सल्फर और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। रोज सुबह खाली पेट दो-तीन लहसुन की कलियों का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है।
लिक्विड डाइट लें
मरीज ज्यादा पानी या लिक्विड चीजों का सेवन करें ताकि यूरिक एसिड के क्रिस्टल यूरिन के राही बाहर निकलते रहें।
प्रोटीन फूड्स से बनाएं दूरी
लेकिन कुछ फूड्स से गठिया मरीजों को दूरी बना लेनी चाहिए जैसे हाई प्रोटीन चीजें जिससे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ती हैं। छिलके वाली दालें, सोया प्रोडक्ट्स, पत्तागोभी, पालक, मशरूम, टमाटर, सोयाबीन तेल जैसी सब्जियां नहीं खानी चाहिए।
ठंडी चीजों से परहेज
इन मरीजों को ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए जैसे दही, खट्टी ठंडी, छाछ कुल्फी आइसक्रीम आदि। प्रोसेस्ड फूड ना लें इससे सूजन और दर्द दोनों बढ़ सकते हैं। इसके अलावा डाइट में फैट और कार्बोहाइड्रेट्स आहार कम लें।
अर्थराइटिस के लिए योग
भुजंगासन, ताड़ासन, बालासन, सुखासन, उष्ट्रासन आदि ये योगासन गठिए के कंट्रोल करते हैं। हल्की सैर एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या का हिस्सा जरूर बनाएं।
कैस्टर ऑयल से मालिश
कैस्टर ऑयल यानि अरंडी के तेल से मालिश करें इससे भी काफी आराम मिलता है।
अगर आप इन बातों का ख्याल रखते हैं तो गठिए की समस्या को काफी हद तक कंट्रोल में रख सकते हैं।
- यह भी पढ़े…...
- ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से हुआ है बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार.
- सिविल एविएशन मिनिस्ट्री क्या-क्या काम करती है?
- बिहार में हो रहे पंचायत चुनाव से एक देश एक चुनाव की राह दिख रही है.
- नोबेल पुरस्कारों में क्यों पीछे रही दुनिया की आधी आबादी.