सारी मनोकामनाएं पूर्ण करती है यमुनागढ़ की गढ़देवी
* शारदीय नवरात्र व चैत्र नवरात्र में लगता है मेला
* भक्त रहसू के आह्वान पर थावे से ठीक पहले यहीं ठहरी थीं मां दुर्गा
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड मुख्यालय से एक किलोमीटर दूर बड़हरिया -सीवान मुख्यमार्ग से सटे पश्चिम दिशा में अवस्थित यमुनागढ़ के परिसर में स्थित गढ़देवी का मंदिर अपने दामन में कई ऐतिहासिक व पौराणिक तथ्यों के समेटे हुए है। यहां की गढ़देवी के बारे में मान्यता है कि यह अपने भक्तों की तमाम मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इन्हीं अलौकिक शक्ति के कारण यमुनागढ़ के गढ़देवी के मंदिर ऐसे तो सालों भर इस मंदिर परिसर में भक्तों और श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
लेकिन शारदीय नवरात्र के अवसर पर भव्य मेला लगता है,जो कोरोना काल के कारण दो वर्षों से नहीं लग पा रहा है। इस मंदिर के बारे में किंवदंती यह है कि भक्त रहसू के आह्वान पर असम के कामख्या से अपने भक्त की भक्ति का मान रखने के चली भवानी यमुनागढ़ के इसी गढ़देवी मंदिर परिसर में थावे जाने के क्रम में आखिरी बार ठहरी थीं व भक्त रहसू ने राजा मनन सिंह को आखिरी बार चेतावनी दी थी कि राजन्! भक्ति की शक्ति की परीक्षा न ल़ें।
यह आपके राज हित में उचित नहीं है। और राजा मनन सिंह ने अपनी जिद्द न छोड़ने का खामियाजा भुगता था,जो सर्वविदित है। इस पौराणिक अख्यान के चलते इस मंदिर की महत्ता और बढ़ जाती है। इस परिक्षेत्र में गढ़देवी को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं व किंवदंतियां प्रसिद्ध हैं। इसलिए शारदीय और चैत्र नवरात्र में इस मंदिर में भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ जाती है। मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया और संवारा में जाता हैं। यमुनागढ़ की गढ़देवी की महिमा के कारण सीवान और गोपालगंज के विभिन्न हिस्से के साथ ही सीमावर्ती यूपी के श्रद्धालु भी आकर पूजा-अर्चना करते हैं।
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