देश रो रहा, हजारों हिंदू हो गए बेघर- तस्‍लीमा नसरीन.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बांग्‍लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाकर किए जा रहे हमलों की हर कोई निंदा कर रहा है। भारत ने भी इन हमलों पर चिंता जताते हुए बांग्‍लादेश सरकार से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। इसके जवाब में बांग्‍लादेश की सरकार ने भी भारत को आश्‍वस्‍त किया है कि वो हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के हर संभव कदम उठाएगी। हालांकि सरकार की तरफ से कहा गया है कि इन हमलों का तालिबान से कोई लेना-देना नहीं है। बांग्‍लादेश के एक राइट ग्रुप के मुताबिक, नौ वर्षों के दौरान हुई हिंसा में हिंदुओं के 3000 से अधिक घर तबाह किए जा चुके हैं।

इन हमलों पर अपना आक्रोश जताते हुए बांग्‍लादेश की लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कई ट्वीट किए हैं। उन्‍होंने बांग्‍लादेश की हिंसा में बेघर और रोते बिलखते लोगों की तस्‍वीरें भी ट्वीट की है। उन्‍होंने लिखा है कि लज्‍जा के आज भी मायने हैं। एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है कि एक तरफ हसीना अपने भाई शेख रसल की जयंती मना रही हैं और दूसरी तरफ हिंसा के दौरान घर जलाए जाने और उन्‍हें तोड़े जाने के बाद सैकड़ों हिंदू बेघर हो गए हैं। एक अन्‍य ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है कि देश रो रहा है। तस्‍लीमा ने एक हिंदी फिल्‍म का गाना तू हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा, भी ट्वीट किया है।

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उन्‍होंने अपने इन सभी ट्वीट को हैशटैग बांग्‍लादेशी हिंदू वांट सेफ्टी के साथ ट्वीट किया हैं। उन्‍होंने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री शेख हसीना पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि पीरगंज, रंगपुर में जेहादियों ने हिंदुओं के गांव में आग लगा दी। हसीना बांसुरी बजा रही हैं। अपने ट्वीट में उन्‍होंने यहां तक लिखा है कि यदि हम खुली सोच रखते हैं तो खुद को सिविलाइज्‍ड दिखाने के लिए मुस्लिम देशों में लाउडस्‍पीकर पर अजान को ब्राडकास्‍ट करना बंद कर देना चाहिए। वहीं, पहले से ही सिविलाइज्ड जर्मनी ने लाउडस्‍पीकर पर अजान की मंजूरी दी है। आपको बता दें कि बांग्‍लादेश में तीन हजार से अधिक घर इन हमलों में तबाह हुए हैं।

आपको बता दें कि तस्‍लीमा नसरीन एक विश्‍व प्रसिद्ध बांग्‍लादेशी-स्‍वीडिश लेखिका हैं। 1993 में अपने उपन्‍यास लज्‍जा से उन्‍हें दुनिया ने जाना। अपने इस उपन्‍यास में उन्‍होंने बांग्‍लादेश में हिंसा के शिकार हिंदू परिवारों की व्‍यथा का चित्रण किया है। तस्‍लीमा फेमिनिस्‍ट, सोशल एक्टिविस्‍ट और फिजीशियन भी हैं। वो हमेशा से ही मानवाधिकार के हक में आवाज उठाती रही हैं। इसके लिए उन्‍हें फ्रांस सरकार ने सम्‍मानित भी किया है।

हाल की हिंसा में अकेले रंगपुर जिले में ही हमलावरों ने सैकड़ों घरों को क्षतिग्रस्‍त किया है। इसके अलावा 20 घरों को आग के हवाले कर दिया। हमलावरों ने इस दौरान इस्‍कान मंदिर को भी नुकसान पहुंचाया है। इस्‍कान की तरफ से पीएम शेख हसीना से हमलावरों पर सख्‍त कार्रवाई करने की मांग की है। पुलिस ने इस संबंध में करीब 52 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इन हमलों को जमात ए इस्लामी और उसकी स्‍टूडेंट्स विंग ने अंजाम दिया है। बांग्लादेश सरकार ने इन हमलों को पूर्व नियोजित माना है।

सरकार की तरफ से कहा गया है कि ये हमले बांग्लादेश के धार्मिक सौहार्द्र को खराब करने की नीयत से किए गए थे। सरकार की तरफ से गृह मंत्री ने यहां तक दावा किया है कि वर्ष 2023 में देश में आम चुनाव होने हैं। इससे पहले षड़यंत्रकारी देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्‍होंने भी इस बात से इनकार नहीं किया है कि इसमें बीएनपी-जमात या कोई तीसरी ताकत शामिल हो सकती है।

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