उत्तराखंड में बारिश के कहर में 55 मरे,गृह मंत्री ने किया हवाई दौरा.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत और नेपाल में बेमौसम की बारिश ने तबाही मचाई हुई है। बाढ़ और भूस्खलन से भारत के उत्तराखंड में गुरुवार तक 55 लोगों की मौत हुई। पिछले हफ्ते केरल में हुई बारिश ने 42 लोगों की जान ली थी। वहीं, नेपाल में अब तक 88 लोगों की जान गई है। 30 लोग लापता हैं। कुल मिलाकर भारत और नेपाल में 185 लोगों की मौत हुई है।
उत्तराखंड: राज्य में बारिश से 55 लोगों की जान गई। इसमें सबसे ज्यादा 28 मौतें नैनीताल में, 6 अल्मोड़ा में, 8 चंपावत में, 2 ऊधम सिंह नगर में और एक बागेश्वर जिले में हुई है। मरने वाले 5 लोग एक ही परिवार के थे। भूस्खलन में घर गिरने से सभी की जान चली गई। इसके अलावा कम से कम 5 लोग लापता हैं।
प्रदेश में इस हफ्ते की शुरुआत से ही मूसलाधार बारिश हो रही है। बारिश के चलते कई पुल टूट गए हैं और सड़कें भूस्खलन के चलते ब्लॉक हो गई हैं। सेना और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मी बचाव कार्य में जुटे हैं। स्टेट डिजास्टर ससेक्रेटरी एस मुरुगेशन ने बताया कि मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। अभी कई लोग लापता हैं, जिनमें 20 टूरिस्ट का एक दल शामिल है, जो ट्रैक करने गए थे।
गृह मंत्री ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा
गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड दौरे पर गए हुए हैं। उन्होंने राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। शाह ने कहा कि नैनीताल, अल्माेड़ा, हल्द्वानी में सड़कें साफ करा दी गई हैं। पॉवर स्टेशन जल्द ही ऑपरेशन शुरू कर देंगे। 80% राज्य में मोबाइल नेटवर्क रिस्टोर हो गए हैं।
पश्चिम बंगाल: बारिश के चलते यहां दो बच्चियों समेत पांच लोगों की जान गई है। वहीं, एक ही परिवार के 10 लोग बारिश में बह गए। डिजास्टर मैनेजमेंट मिनिस्टर जावेद अहमद खान ने बताया कि दार्जिलिंग में पहाड़ों से मिट्टी, पत्थर और पानी गिरने से करीब 400 घर तबाह हो गए। कई हजार लोगों को नदियों के किनारे वाले इलाकों से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
उन्होंने बताया कि दार्जिललिंग में सैंकड़ों पर्यटक फंसे हुए हैं। लैंडस्लाइड के चलते हाईवे और रोड ब्लॉक हैं। मौसम विभाग ने राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। दर्जिलिंग, कालिमपोंग और अलीपुरदार में गुरुवार को भारी बारिश होने की आशंका है।
केरल: पिछले हफ्ते हुई बारिश के चलते अब तक 42 लोगों की जान गई है। मौसम विभाग ने फिर से तीन जिलों में बारिश की चेतावनी जारी की है।
नेपाल: 88 लोगों की बारिश के चलते जान गई है। इसमें एक ही परिवार के छह लोग शामिल हैं, इनमें 3 बच्चे थे। भूस्खलन के चलते इनका घर ढह गया और सभी मलबे में दब कर मर गए। देश में राहत और बचाव कार्य चल रहा है।
उत्तराखंड ने मंगलवार को बाढ़ और बारिश की वजह से हुए हादसों में 42 लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर मौतें बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से हुई हैं। कई लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं। बारिश से अब तक राज्य में 47 लोग जान गंवा चुके हैं। लगातार बारिश को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रियों से अपील की है कि वे जहां हैं वहीं रहें। मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा फिर से शुरू न करें।
DIG नीलेश आनंद भरने ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि अकेले कुमाऊं क्षेत्र में मरने वालों की संख्या 40 के पार हो गई है। इस पहाड़ी राज्य में सोमवार को भी 5 मौतें हुई थीं। मंगलवार को हुईं 42 मौतों में नैनीताल जिले में 28, अल्मोड़ा और चंपावत में 6-6 और पिथौरागढ़ और उधम सिंह नगर जिलों में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।
बाकी राज्य से कटा नैनीताल
नैनीताल का संपर्क राज्य के बाकी हिस्सों से कट गया है। यहां तक आने वाली तीनों सड़कें भूस्खलन के चलते ब्लॉक हो गई हैं। वहीं भारी बारिश के चलते नैनीताल जिले में काठगोदाम रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली रेलवे लाइन भी बह गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाढ़ से मौत होने पर परिवार को 4 लाख रु. और जिनका घर तबाह हो गया है, उन्हें 1.9 लाख रुपए देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री धामी के साथ कुमाऊं क्षेत्र के प्रभावित इलाकों के दौरे पर गए उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि नैनीताल के काठगोदाम और लालकुआं और उधमसिंह नगर के रुद्रपुर में सड़कें, पुल और रेल की पटरियों को नुकसान पहुंचा है। रेल ट्रैक की मरम्मत में कम से कम 4-5 दिन लगेंगे।
NDRF ने 300 से ज्यादा लोगों को बचाया
एयरफोर्स के तीन हेलीकॉप्टर राज्य में लोगों को बचाने के काम में मदद कर रहे हैं। इनमें से दो को नैनीताल जिले में तैनात किया गया है। यहां बादल फटने और लैंडस्लाइड के कारण काफी नुकसान हुआ है। NDRF ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों से 300 से ज्यादा लोगों को बचाया है। राज्य में उसकी 15 टीमें तैनात की गई हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु सहित देश के अन्य हिस्सों से बारिश की सूचना मिली है। बुधवार को भी कई इलाकों में तेज बारिश का अनुमान है।
नैनीताल के हल्द्वानी में नदी के बीच फंसा हाथी
दो दिन में मरने वालों का आंकड़ा 47 हुआ
इसके साथ ही राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 47 हो गया है। स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट के सचिव एसए मुरुरेसन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में राज्य में 200 मिमी से ज्यादा बारिश हुई है। सोमवार को बारिश के चलते पौड़ी और चंपावत में 5 मौतें हुई थीं। इसमें नेपाल के तीन मजदूर भी शामिल थे।
CM ने किया बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जल्द ही सेना के हेलिकॉप्टर यहां मदद और राहत पहुंचाने के लिए पहुंच जाएंगे। इनमें से दो हेलिकॉप्टरों को नैनीताल और एक को गढ़वाल भेजा जाएगा। CM ने लोगों से आग्रह किया कि वे घबराएं नहीं, उनकी सुरक्षा के सभी कदम उठाए जाएंगे।
मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री ने भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। बाद में उन्होंने रुद्रप्रयाग पहुंचकर नुकसान के आकलन की समीक्षा भी की। उनके साथ राज्य के मंत्री धन सिंह रावत और राज्य के DGP अशोक कुमार भी थे।
इंडियन यूथ कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट श्रीनिवास ने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें उत्तराखंड के नैनीताल में पानी के तेज बहाव के बीच सुरक्षाबल के जवान लोगों का रेस्क्यू कर रहे हैं। सैनिकों ने ह्यूमन चेन बनाकर एक दुकान से लोगों को रेस्क्यू किया।
हल्द्वानी में दरक गया पुल
हल्द्वानी में गौला नदी पर बना पुल बारिश के चलते दरक गया है। पुल के बीचोबीच गड्ढा बन गया। पुल के एक छोर पर खड़े लोगों ने दूसरे छोर से आ रहे बाइक सवार को इस बारे में अलर्ट किया। तब मोटरसाइकिल सवार वापस मुड़ा।
नैनीताल में नैनी झील के पास माल रोड और नंदा देवी मंदिर में पानी भर गया है, यहां एक होस्टल बिल्डिंग को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं ऊधम सिंह नगर में नानक सागर बांध के सभी गेट खोल दिए गए हैं।
SDRF दे रहा रेस्क्यू मिशन को अंजाम
स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) राज्य में रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दे रही है। टीम ने सोमवार रात राज्य में अलग-अलग जगहों पर ऑपरेशन करके 50 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया। इनमें केदारनाथ मंदिर से लौट रहे श्रद्धालु भी शामिल हैं जो रास्ते में फंस गए थे। उत्तराखंड पुलिस के साथ मिलकर SDRF ने सोमवार को केदारनाथ से लौट रहे 22 श्रद्धालुओं को बचाया, जो जंगल में फंसे हुए थे। टीम ने चार मजदूरों को भी बचाया, जो मलबे में दबे थे।
क्रेन से हुआ कार का रेस्क्यू
सोमवार शाम हाईवे के पास उफनते लामबगड़ नाले में फंसी एक कार को क्रेन की मदद से निकाला गया। कार में यात्री भी सवार थे। भूस्खलन के चलते कार नाले में पत्थरों की वजह से फंस गई थी। बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन ने इसका रेस्क्यू किया
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