सीबीआइ जांच की सहमति वापस लेने का बंगाल का अधिकार पूर्ण नहीं है- केंद्र सरकार.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेक्स
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि सीबीआइ जांच की सहमति वापस लेने का बंगाल का अधिकार पूर्ण नहीं है और जांच एजेंसी को केंद्रीय कर्मचारियों के खिलाफ और देशभर में असर डालने वाले मामलों की जांच जारी रखने का अधिकार है। केंद्र ने बंगाल सरकार की एक याचिका के जवाब में यह हलफनामा दाखिल किया है। बंगाल ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि सीबीआइ कानून के मुताबिक राज्य सरकार से पूर्व अनुमति लिए बिना चुनाव बाद हिंसा की जांच कर रही है।
एफआइआर रद करने की मांग
इस पर केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा कि केंद्र सरकार ने बंगाल में कोई मामला दर्ज नहीं किया है और न ही वह किसी मामले की जांच कर रही है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने अपने 60 पन्नों के हलफनामे में कहा कि याचिका में केंद्र को जांच से रोकने या कथित रूप से केंद्र द्वारा दर्ज एफआइआर को रद करने की मांग की गई है। वहीं, दूसरी ओर सीबीआइ ने मामलों में एफआइआर दर्ज करके जांच की, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से याचिका में सीबीआइ को पक्षकार नहीं बनाया गया।
बंगाल हिंसा पर सुनवाई 16 नवंबर को
बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की सीबीआइ जांच के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई 16 नवंबर के लिए स्थगित कर दी।
केंद्र ने दाखिल किया हलफनामा
जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि केंद्र ने राज्य के मुकदमे के जवाब में हलफनामा दाखिल किया है और वह मामले पर नियमित सुनवाई के दिन विचार करेगी। बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अनुरोध किया कि इसके लिए कोई तारीख निर्धारित कर दी जाए क्योंकि सीबीआइ प्राथमिकियों पर आगे बढ़ रही है। पीठ ने कहा कि हम 16 नवंबर को इस पर सुनवाई करेंगे।
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