देश में 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुलेंगे, कैंसर-डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का होगा इलाज-स्वास्थ्य मंत्री.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कैंसर, डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज अब प्रखंड स्तर के अस्पतालों में भी होगा. इसके लिए सरकार 1.5 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना पर काम कर रही है. इनमें से 79 हजार हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की स्थापना हो चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अब कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का इलाज प्राइमरी हेल्थ सेंटर में भी होगी. इसकी जांच भी यहीं हो जायेगी. श्री मंडाविया ने कहा कि गांवों से लकर शहर तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं. इन सेंटर्स में गंभीर बीमारियों की जांच और उसके इलाज की भी व्यवस्था होगी.
मनसुख मंडाविया ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर एक जिला में 90 से 100 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. अगले 4-5 साल में ये पैसे खर्च किये जायेंगे. बताया जा रहा है कि दिसंबर 2022 तक 1.50 लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने का लक्ष्य रखा गया है. इनमें से 79,415 सेंटर काम कर रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री जन आरोहग्य योजना के तहत अब तक 2.31 करोड़ लोगों का इलाज हो चुका है. उन्होंने कहा कि आम जन को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण और उसमें सुधार पर जोर दिया जा रहा है. इस मिशन के तहत आवश्यक आधारभूत संरचनाओं को विकसित किया जायेगा, ताकि बीमारियों की जांच की जा सके और उसकी निगरानी हो सके.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत देश के 602 जिलों में क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक की स्थापना की जायेगी. इतना ही नहीं, राज्य स्तर पर कम से कम 15 हेल्थ इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की स्थापना होगी, जबकि नेशनल हाई-वे पर 2 कंटेनर मोबाइल हॉस्पिटल की शुरुआत की जायेगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विस्तृत स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर दिया है. उन्होंने ‘टोकन से टोटल’ तक का मंत्र दिया है. पीएम मोदी के दिशा-निर्देश में स्वास्थ्य मंत्रालय देश के सभी प्रखंड, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने पर काम किया जा रहा है.
स्वास्थ्य से समृद्धि
मंडाविया ने कहा कि स्वस्थ देश ही समृद्ध देश बन सकता है. इसलिए आयुष्मान भारत पूरे देश में प्राइमरी, सेकेंड्री, टर्सियरी, डिजिटल और लचीला स्वास्थ्य प्रणाली की शुरुआत की जा रही है. उन्होंने कहा कि भारत एशिया का पहला देश बन गया है, जहां कंटेनर आधारित दो अस्पताल काम कर रहे हैं.