मैदानी क्षेत्रों में गुलाबी ठंड,कैसा रहेगा सर्दी का मौसम?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मानसून की वापसी के साथ पहाड़ों पर बर्फबारी शुरु हो गई है। इसका असर मैदानी इलाकों में दिखाई देने लगा है। उत्तर भारत में  हवा का रुख बदलने लगा है। दो दिन से हवा का रुख बदला हुआ है। यह हवा उत्तर से पश्चिम हो गई है।रात के तापमान में गिरावट आने से सुबह गुलाबी ठंड का अहसास हो रहा है।

दिल्ली-एनसीआर सहित इन राज्यों में ठंड ने दी दस्तक

राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में ठंड बढ़ने का सिलसिला शुरू हो चुका है। यूपी, हरियाणा, मप्र, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल व उत्तराखंड में लोगों को ठंड का अहसास होने लगा है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी गिरावट देखने को मिल रही है। इससे धूप में भी गर्मी महसूस नहीं हो रही है। आने वाले दिनों में ठंड के और बढ़ने की संभावना है।

पहाड़ों पर हुई बर्फबारी

पहाड़ों पर एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में कई जगह बर्फबारी शुरु हो गई है। हिमाचल प्रदेश के मनाली की ऊंची चोटियों सहित लाहौल में कई स्थानों पर हल्का हिमपात हुआ है। दक्षिण और उत्तरी कश्मीर में मध्यम बर्फबारी हुई है। जम्मू कश्मीर के अनंतनाग, राजौरी में मुगल रोड, पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के पास बर्फ हटाने का काम चल रहा है। उत्तराखंड में बर्फबारी के बाद ठंड तेज हो गई है। जोशीमठ केदारनाथ धाम और गंगोत्री में जमकर बर्फबारी हुई है ।

इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना

भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना जताई है और इसके लिए ला नीना को जिम्मेदार बताया है। विभाग ने पहले ही कहा था कि भारत में सामान्य से ज्यादा मौसमी बारिश और कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है। विभाग ने कहा कि अगस्त और सितंबर में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है और तभी ला नीना की स्थिति बनेगी। बता दें कि पिछली बार ला नीना की स्थिति अगस्त-सितंबर 2020 से अप्रैल 2021 तक बनी थी और सामान्य से ज्यादा बारिश हुई थी और सर्दियां भी जल्दी शुरू हो गई थीं, साथ ही साथ कड़ाके की सर्दी भी पड़ी थी।

मौसम विभाग ने कहा है कि ला नीना की स्थिति इस साल भी सितंबर से नवंबर के बीच बनी है, जोकि 2021-22 की सर्दियों के दौरान प्रभावी रहेगी। ऐसे में इस साल भी पिछले साल की तरह ही कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है।

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