Breaking

स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था ‘स्वराज’ का नारा

स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था ‘स्वराज’ का नारा

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
previous arrow
next arrow

पुण्यतिथि पर विशेष

श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क

आर्य समाज के जन्म के बाद, सरस्वती का जन्म 12 फ़रवरी, 1824 को हुआ था। स्वामी जी ने 19वीं सदी में समाज को सुधारा। उनके अमौजी की विरासत से संबंधित गुणगान को 1846 में अपडेट किया गया है। स्वामी विरजानंद के संरक्षण में शिक्षा-क्षार की व मार्ग-दर्शन प्राप्त हुआ। जीवन पर्यंत समाज सुधार और अंग्रेजी शासन सुधार की दिशा में कार्य करते रहे। एक षडयंत्र के कारण 30 अक्टूबर 1883 उनकी मृत्यु हो गई।

स्वामी दयानंद सरस्वती ने दिया था ‘स्वराज’ का नारा

स्वामी दयानंद सरस्वती ने ‘स्वराज’ का नारा दिया था, जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया. स्वामी जी अपने उपदेशों के जरिए युवाओं में देश प्रेम और देश की स्वतंत्रता के लिए मर मिटने की भावना पैदा करते थे.

स्वामी दयानंद सरस्वती की मृत्यु कैसे हुई ?

स्वामी दयानन्द सरस्वती का निधन 30 अक्टूबर 1883 ई. को एक वेश्या के कुचक्र से हुआ। स्वामी दयानंद सरस्वती को जोधपुर के महाराज यशवंत सिंह ने आमंत्रित किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। स्वामी दयानंद जोधपुर गए और एक दिन वहां के दरबार में महाराज की वेश्या नन्हींजान को समीप देखकर उसकी कड़ी आलोचना कर दी। नन्हींजान आलोचना सुन कर स्वामी जी की दुश्मन बन गई। उसने अन्य विरोधियों से मिलकर स्वामी जी के रसोइए जगन्नाथ को बहकाया और उसे अपनी ओर मिला लिया। उसने दूध में विष मिलाकर स्वामी जी को पिला दिया। स्वामी जी पर उसका तुरंत असर दिखाई दिया और उनका देहांत हो गया।

यह भी पढ़े

ये चश्मा  ड्राइविंग के दौरान एक्सीडेंट से बचाएगा , जानिए क्‍या है  इसकी खासियत

पति ने पत्‍नी को दिया तलाक, फिर प्रेमी से करवा दी ‘शादी’, जानें क्‍यों उठाया ये कदम

काशी में 2 से 5 नवंबर तक बंटेगा ‘मां अन्नपूर्णा’ का खजाना 

विश्व को प्रदूषण से बड़ी राहत दे सकती है ग्रीन हाइड्रोजन : डा. रजनीश 

सिधवलिया प्रखंड में 402 प्रत्‍याशियों ने पंचायत चुनव में किया  नामांकन

गोली लगने से युवक घायल

समाज-क्रांति के पुरोधा थे सुब्बारावजी.

Leave a Reply

error: Content is protected !!