भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक थे होमी जहांगीर भाभा
जन्मदिवस पर विशेष
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क
भारत के एक प्रमुख वैज्ञानिक और स्वप्नदृष्टा थे, जिन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की कल्पना की थी। उन्होंने मुट्ठी भर वैज्ञानिकों की सहायता से मार्च, 1944 ईस्वी में, नाभिकीय उर्जा पर अनुसंधान आरम्भ किया। उन्होंने नाभिकीय विज्ञान में तब कार्य आरम्भ किया जब अविछिन्न शृंखला अभिक्रिया का ज्ञान नहीं के बराबर था और नाभिकीय उर्जा से विद्युत उत्पादन की कल्पना को कोई मानने को तैयार नहीं था।
उन्हें ‘आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम’ भी कहा जाता है। भाभा का जन्म 30 अक्टूबर, 1909 को मुम्बई के एक सभ्रांत पारसी परिवार में हुआ था। उनकी कीर्ति सारे संसार में फैली। भारत वापस आने पर उन्होंने अपने अनुसंधान को आगे बढ़ाया। भारत को परमाणु शक्ति बनाने के मिशन में प्रथम पग के तौर पर उन्होंने सन् 1945 में मूल-भूत विज्ञान में उत्कृष्टता के केंद्र (टी आइ एफ आर) टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च की स्थापना की।
डॉ. भाभा एक कुशल वैज्ञानिक और प्रतिबद्ध इंजीनियर होने के साथ – साथ एक समर्पित वास्तु शिल्पी, सतर्क नियोजक, एवं निपुण कार्यकारी थे। वे ललित कला व संगीत के उत्कृष्ट प्रेमी तथा लोकोपकारी थे। 1947 में, भारत सरकार द्वारा गठित परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रथम अध्यक्ष नियुक्त हुए। 1953 में जेनेवा में अनुष्ठित विश्व परमाणुविक वैज्ञानिकों के महासम्मेलन में उन्होंने सभापतित्व किया।
भारतीय परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के जनक का 24 जनवरी, सन् 1966 को, एक विमान दुर्घटना में निधन हो गया था।
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