जी-20 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, अर्थव्यवस्था और कोरोना महामारी पर फोकस.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं की दो दिवसीय बैठक जी-20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) शुरू हो गया है। इटली के रोम शहर में हो रहे इस बैठक में जलवायु परिवर्तन, कोरोना और अर्थव्यवस्था पर चर्चा होगी। समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार प्रमुख देश जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए थोड़ा सख्त कदम उठाने की बात कह सकते हैं। हालांकि, यह संभावना काफी कम है कि इसे लेकर नए लक्ष्य निर्धारित किए जाए, जिसे पर्यावरण कार्यकर्ता जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जरूरी बताते हैं।

इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्राघी ने जी 20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य देशों के नेताओं का स्वागत किया। बता दें कि कोरोना महामारी आने के बाद दो साल में पहली बार यह सम्मेलन फेस-टू-फेस हो रहा। हालांकि,  चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रोम नहीं पहुंचे हैं।

इस शिखर सम्मेलन के बाग ग्लासगो में कोप 26 शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा, जिसे धरती के बढ़ते तापमान के खतरे से निपटने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने स्वीकार किया कि रोम और ग्लासगो में वार्ता कठिन होगी। साथ ही चेतावनी दी कि अगर साहसी कदम नहीं उठाए गए तो इसका परिणाम काफ भयंकर होगा।

जी20 देश दुनिया के 80% कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। इस शिखर सम्मेलन के दौरान ये देश ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस पर सीमित करने के अपने प्रयासों पर चर्चा करेंगे। वैज्ञानिकों के अनुसार नए विनाशकारी क्लाइमेट पैटर्न से बचने के लिए आवश्यक है। इसमें इस सदी के मध्य तक नेट जीरो कार्बन इमीशन के लक्ष्य को प्राप्त करने पर भी फोकस होगा। इस लक्ष्य को लेकर दुनिया के कई सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले देश अभी भी प्रतिबद्ध नहीं हैं।

जलवायु परिवर्तन पर बहस के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन में कोरोना महामारी और इसके कारण अर्थव्यवस्थाओं को हुए नुकसान पर भी चर्चा होगी। कोरोना टीकाकरण पर भी फोकस होगा। उम्मीद है कि बैठक में नेता 2022 के मध्य तक कोरोना के खिलाफ दुनिया की 70% आबादी का टीकाकरण करने और भविष्य की महामारियों से लड़ने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने की योजना का समर्थन करेंगे।

ईंधन की बढ़ती कीमतों और विस्तारित आपूर्ति श्रृंखलाओं की आशंकाओं को दूर किया जाएगा। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि एक मजबूत वैश्विक आर्थिक सुधार सुनिश्चित करने के लिए बाइडन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जी 20 के प्रमुख ईंधन उत्पादकों विशेष रूप से रूस और सऊदी अरब से आग्रह करेंगे।

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