Raghunathpur:नाटक में राम की भूमिका निभाने वाले प्रसिद्ध शिक्षक मोहन प्रसाद विद्यार्थी उर्फ मोती मास्टर साहेब अब नही रहे‚ चहुओर फैला शोक
सीवान के दक्षिणांचल की रचना में मास्टर साहब के योगदान को भुलाया नही जा सकता:उमेश पासवान
श्रीनारद मीडिया, प्रसेनजीत चौरसिया, रघुनाथपुर, सीवान (बिहार)
सीवान जिले के रघुनाथपुर बाजार के प्रसिद्ध समाजसेवी,प्रसिद्ध शिक्षक, चिंतक,टारी में हाईस्कूल को स्थापित कराने वाले, सांस्कृतिक कला केंद्र के संस्थापक सदस्य व नाटक में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की भूमिका निभाने वाले हम सबके अभिभावक 90 वर्षीय मोहन प्रसाद विद्यार्थी उर्फ मोती मास्टर साहेब अब हमलोग से बहुत दूर चले गए है.अब हमारे बीच नही रहे।श्रीनारद मीडिया परिवार सहित क्षेत्र के सभी लोगो ने भगवान से उनको अपने श्री चरणों में स्थान देने की प्रार्थना की।
सीवान के दक्षिणांचल की रचना में मोती मास्टर साहब के योगदान को भुलाया नही जा सकता है.उक्त बातें जिलापरिषद क्षेत्र संख्या 25 के प्रत्याशी उमेश पासवान ने कही.पासवान ने कहा कि आज धनतेरस है इस अवसर पर हमें ईश्वर द्वारा कुछ प्राप्त करने की कामना फलीभूत होती है लेकिन जिस व्यक्ति द्वारा हमें इस जगत का बोध कराया गया,वह आज हम सभी से दूर चले गये। मस्तिष्क संवेद शून्य है इस युग में हृदय की अतल गहराइयों से किसी को गुरु मानना बहुत बड़ी बात है। अपितु यह स्वीकार करना होगा की मृत्यु तो अटल है।मोती सर नहीं रहे, हम सभी से दूर चले गये है लेकिन उनकी बातें भाव-भंगिमा सदाचारिता का जीवन,विषय की समझ, व्यक्ति और संस्थान खड़ा करने की सुदृढ़ चेतना सदैव हम सभी के लिए प्रेरणादाई रहेगी।
दिवंगत मास्टर साहब के इकलौते पुत्र संजय सत्यार्थी ने बताया कि पिताजी बहुत दिनों से बीमार चल रहे थे । विगत बुधवार को पैर फिसलने से घर में गिर गये थे व कमर/कुल्हा में चोटे आई थी. आफन फानन में सीवान के एक निजी अस्पताल में उपचार कराकर सोमवार की शाम को घर लाया गया.देर शाम को अचानक से प्राण पखेरू हो गए। जिनका अंतिम संस्कार मंगलवार को नरहन के पवित्र सरयु नदी के घाट पर हजारों लोगों की उपस्थिति में किया गया ।
शिक्षा व सामाजिक क्षेत्रो पर नजर डाले तो अपने जमाने के डबल एमए,1963 में टारी हाईस्कूल को स्थापित कराने,हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक के पद से रिटायर्ड होकर सामाजिक कार्य करते हुए रघुनाथपुर में खिलाड़ियों के लिए एक खेल के मैदान का नामकरण कराने,नाट्य कला में राम का पाठ करने,ठंड में कम्बल बंटवाने,रघुनाथपुर जैसे सुदूर ग्रामीण इलाकों में राज्यस्तरीय क्रिकेट खेल को जगाने जैसे इत्यादि दर्जनों सामाजिक कार्यो की सूची इनके नाम के साथ जुड़ी है।
अंतिम दर्शन के लिए धनश्याम शुक्ला , उमा शंकर सिंह , उमानाथ यादव , विश्वनाथ यादव उर्फ घुरा यादव , अनिल सिंह,राजबली मांझी,सुदामा मांझी,नागेंद्र मांझी,उमेश राय, दधिबल चौरसिया, जयश्री प्रसाद चौरसिया सहित सैकड़ों की भीड़ रघुनाथपुर से लेकर नरहन घाट तक भीड़ रही।
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