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PM मोदी का अहम एलान- 2070 तक भारत हो जाएगा नेट जीरो उत्सर्जन राष्ट्र, जलवायु पर दिया पंचामृत फार्मूला - श्रीनारद मीडिया
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PM मोदी का अहम एलान- 2070 तक भारत हो जाएगा नेट जीरो उत्सर्जन राष्ट्र, जलवायु पर दिया पंचामृत फार्मूला

PM मोदी का अहम एलान- 2070 तक भारत हो जाएगा नेट जीरो उत्सर्जन राष्ट्र, जलवायु पर दिया पंचामृत फार्मूला

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priyranjan singh
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श्रीनारद मीडिया‚ सेंट्रल डेस्कः

भारत ने वर्ष 2070 तक अपने देश में नेट जीरो इमिशन लक्ष्य हासिल करने की घोषणा की है. ब्रिटेन के शहर ग्लासगो में विश्व जलवायु परिवर्तन पर चल रही वैश्विक बैठक काप-26 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसका एलान कर भारत को पहला विकासशील देश बना दिया है जिसने पर्यावरण सुरक्षा को लेकर इस तरह का साहसिक कदम उठाया हो. इस एलान का सीधा सा मतलब यह है कि अगले 49 वर्षों में भारत प्रदूषण करने वाले सारे ऊर्जा संसाधनों जैसे पेट्रोल, डीजल, कोयला व गैस का उपयोग पूरी तरह से बंद कर देगा और इसकी जगह स्वच्छ रिनीवेबल यानि अपारंपरिक स्त्रोतों से बनने वाली बिजली ऊर्जा साधनों का ही उपयोग करेगा. इस एलान के साथ ही पीएम मोदी ने विकसित देशों को यह भी कहा कि उन्हें पर्यावरण अनुकूल तकनीकी के हस्तांतरण व इसके इस्तेमाल के लिए वित्त मुहैया कराने को लेकर भी ज्यादा उदारता दिखानी होगी.

पीएम मोदी ने भारत के लिए नेट जीरो इमिशन लक्ष्य की घोषणा कर दुनिया के तमाम विकासशील देशों को एक राह भी दिखाई है. इसके पहले इस सम्मेलन में ही पर्यावरण परिवर्तन से विकासशील देशों के किसानों की चुनौतियों का मुद्दा भी पीएम मोदी ने उठाया. अभी तक अमेरिका, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन व दूसरे विकसित देशों ने वर्ष 2050 तक नेट जीरो इमिशन का लक्ष्य रखा है जबकि चीन ने वर्ष 2060 का लक्ष्य रखा है. विकसित देशों की तरफ से भारत पर भी वर्ष 2050 का ही लक्ष्य तय करने का दबाव था. बहरहाल, पीएम मोदी ने वर्ष 2070 का लक्ष्य रखने के साथ ही इसे किस तरह से हासिल किया जाएगा, इसका भी एक रोडमैप दिया है.

पीएम मोदी की तरफ से की गई घोषणा के मुताबिक वर्ष 2070 में नेट जीरो इमिशन लक्ष्य हासिल करने के लिए अभी से तैयारियां शुरू हो जाएंगी. इसके तहत भारत वर्ष 2030 तक अपनी इकोनोमी में कार्बन की मात्रा 45% घटा लेगा. इसके लिए 100 करोड़ टन कार्बन उत्सर्जन को कम किया जाएगा. साथ ही वर्ष 2030 तक देश की ऊर्जा जरूरत का 50 प्रतिशत गैरपारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों से पूरा किया जाएगा. इसके लिए वर्ष 2030 तक रिनीवेबल स्त्रोतों यानी सोलर, विंड, हाइड्रो आदि से 5 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. अभी तक यह लक्ष्य 4.50 लाख मेगावाट का था. मोदी ने कहा कि पहले जब हमने 4.50 लाख मेगावाट बिजली रिनीवेबल से बनाने का लक्ष्य रखा था तब वह महत्वाकांक्षी लग रहा था लेकिन अब हम उसे हासिल करने की स्थिति में हैं. उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की 17% आबादी रहती है लेकिन कुल उत्सर्जन में हमारी हिस्सेदारी महज 5% है.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं भारत की ओर से, इस चुनौती से निपटने के लिए पांच अमृत तत्व रखना चाहता हूं, पंचामृत की सौगात देना चाहता हूं.
पहला- भारत, 2030 तक अपनी Non-Fossil Energy Capacity को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा.
दूसरा- भारत, 2030 तक अपनी 50% energy requirements, renewable energy से पूरी करेगा.
तीसरा- भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में 1 बिलियन टन की कमी करेगा.
चौथा- 2030 तक भारत, अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45% से भी कम करेगा.
पांचवा- वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा. कहा कि आज मैं आपके बीच उस भूमि का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिस भूमि ने हजारों वर्षों पहले ये मंत्र दिया था संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम् आज 21वीं सदी में ये मंत्र और भी ज्यादा प्रासंगिक हो गया है.

 

 

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