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जहरीली हुई दिल्ली-एनसीआर की हवा, गले और आंखों में जलन की शिकायतें. - श्रीनारद मीडिया

जहरीली हुई दिल्ली-एनसीआर की हवा, गले और आंखों में जलन की शिकायतें.

जहरीली हुई दिल्ली-एनसीआर की हवा, गले और आंखों में जलन की शिकायतें.

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिवाली पर खूब पटाखे जलाए जाने के बाद शुक्रवार को सुबह घने कोहरे की मोटी परत छाई रही जिसके कारण कई हिस्सों में निवासियों को गले में जलन और आंखों में पानी आने की दिक्कतों से जूझना पड़ा। शुक्रवार को पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं के कारण हालात और बिगड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि अगर पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर अगर अगले 48 घंटों तक 300 और 500 से ज्यादा बना रहता है तो वायु गुणवत्ता को आपात श्रेणी में माना जाएगा। दोपहर 3 बजे तक भी दिल्ली-एनसीआर में AQI का लेवल बेहद खतरनाक श्रेणी 531 पर बना हुआ था।

दिल्ली में आपात स्थिति में पहुंच सकती है एयर क्वालिटी

सीपीसीबी के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में  पीएम2.5 की 24 घंटे की औसत सांद्रता बढ़कर शुक्रवार को सुबह नौ बजे 410 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर हो गई जो 60 माइकोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित दर से करीब सात गुना अधिक है।  पीएम10 का स्तर शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के आंकड़ें को पार कर गया और सुबह नौ बजे यह 511 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था।

ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (जीआरएपी) के अनुसार, अगर पीएम2.5 और पीएम10 का स्तर 48 घंटों या उससे अधिक समय तक क्रमश: 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 500 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से अधिक रहता है तो वायु गुणवत्ता ‘ आपात’ स्थिति में मानी जाती है।

दिल्ली में कम तापमान और सुबह कोहरा छाए रहने से प्रदूषक तत्वों के एकत्रित होने के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह आठ बजे बढ़कर 451 (गंभीर श्रेणी) दर्ज किया गया। जो दोपहर करीब 3 बजे AQI 531 पर पहुंच गया। ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

दिल्ली एनसीआर में घना कोहरा, विजिबिलिटी 200 मीटर

मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर के जीनामणि ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार को सुबह घना कोहरा छाने के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और सफदरजंग हवाई अड्डे पर सुबह साढ़े पांच बजे विजिबिलिटी कम होकर 200 से 500 मीटर के दायरे तक रह गयी। शहर के कई हिस्सों में विजिबिलिटी कम होकर 200 मीटर तक रह गई।

दिल्ली-एनसीआर में गंभीर श्रेणी में दर्ज हुआ एयर क्वालिटी

दिल्ली में 33 एयर क्वालिटी निगरानी केंद्रों में से 33 ने एक्यूआई गंभीर श्रेणी में दर्ज किया। दिल्ली की वायु गुणवत्ता बृहस्पतिवार रात को गंभीर श्रेणी में पहुंच गई क्योंकि लोगों ने सरकार के प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए दिवाली पर जमकर पटाखे जलाए। पड़ोसी शहरों फरीदाबाद (454), ग्रेटर नोएडा (410), गाजियाबाद (438), गुरुग्राम (473) और नोएडा (456) में एयर क्वालिटी शुक्रवार को सुबह गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई।

उल्लेखनीय है कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच को मध्यम, 201 से 300 के बीच को खराब, 301 से 400 के बीच को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।

सिर में दर्द, गले में जलन और आंखों में पानी आने की शिकायतें
राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों और उसके उपनगरों में लोगों ने सुबह सिर में दर्द, गले में जलन और आंखों में पानी आने की शिकायतें की। चिंतित लोग और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर आतिशबाजी की तस्वीरें और वीडियो साझा किए और पटाखों पर प्रतिबंध को मजाक बताया।

ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा कि दिल्ली को कायदे से कल सुबह बंद रहना चाहिए और सरकार का पटाखों पर रोक इस साल का सबसे बड़ा मजाक साबित हुआ है। किसी को परवाह नहीं है, इस बीच मेरे परिवार के ज्यादातर लोगों को गंभीर सूखी खांसी या सिर में दर्द है। दिल्ली का एक्यूआई 700 के पार है और रात अभी शुरू भी नहीं हुई है।

पटाखे और आतिशबाजी के कारण स्थिति हुई खराब

दिल्ली में कई लोगों ने बृहस्पतिवार की रात को खूब पटाखे जलाए जाने की शिकायत की जबकि पटाखे जलाने पर एक जनवरी 2022 तक पूर्ण प्रतिबंध है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के शहरों नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम में देर रात तक आतिशबाजी होती रही। हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपने 14 जिलों में सभी तरह के पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल रोक लगायी हुई है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने मध्यम या बेहतर वायु गुणवत्ता वाले इलाकों में दो घंटों के लिए दिवाली पर हरित पटाखों के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। विशेषज्ञों ने बताया कि हवा न चलने, कम तापमान और पटाखों से होने वाले जहरीले उत्सर्जन, पराली जलाने और स्थानीय स्रोतों के कारण वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई।

अगले दो दिन स्थिति और खराब होने की आशंका

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने बताया कि दिल्ली में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण का हिस्सा बढ़कर बृहस्पतिवार को 25 फीसद पर पहुंच गया और इसके शुक्रवार तक 36 फीसद दर्ज किया गया। शनिवार तक 40 फीसद पर पहुंचने की संभावना है। उसने बताया कि केवल सात नवंबर की शाम से राहत मिलते की उम्मीद है लेकिन वायु गुणवत्ता बहुत खराबी श्रेणी में ही रहेगी।

 

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